B Ed Bachpan Tatha Badhna

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मनोविज्ञान क्या है? मनोविज्ञान का शिक्षा में योगदान बतलाइए।
मनोविज्ञान क्या है? मनोविज्ञान का शिक्षा में योगदान बतलाइए।

यबर्न के अनुसार- मनोविज्ञान ने अरस्तू के समय में दर्शनशास्त्र के अंग

 मनोविज्ञान क्या है? मनोविज्ञान का शिक्षा में योगदान बतलाइए।
 मनोविज्ञान क्या है? मनोविज्ञान का शिक्षा में योगदान बतलाइए।

   रायबर्न के अनुसार- मनोविज्ञान ने अरस्तू के समय में दर्शनशास्त्र के

 शिक्षा मनोविज्ञान से आप क्या समझते हैं? उसकी प्रकृति के संबंध में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
 शिक्षा मनोविज्ञान से आप क्या समझते हैं? उसकी प्रकृति के संबंध में अपने विचार व्यक्त कीजिए।

 शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ : शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान के सिद्धांतों का शिक्षा के क्षेत्र

 शिक्षा मनोविज्ञान से आप क्या समझते हैं? उसकी प्रकृति के संबंध में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
 शिक्षा मनोविज्ञान से आप क्या समझते हैं? उसकी प्रकृति के संबंध में अपने विचार व्यक्त कीजिए।

शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान के सिद्धांतों का शिक्षा के क्षेत्र में प्रयोग है ।

विकास की अवधारणा का वर्णन करो।
विकास की अवधारणा का वर्णन करो।

विकास : अर्थ एवं प्रकृति आज के युग में ज्ञान-विज्ञान के विकसित

विकास की अवधारणा का वर्णन करो।
विकास की अवधारणा का वर्णन करो।

विकास : अर्थ एवं प्रकृति आज के युग में ज्ञान-विज्ञान के विकसित

विभिन्न सन्दर्भो से बच्चों के विषय में आँकड़ों के एकत्रीकरण के बारे में लिखो।
विभिन्न सन्दर्भो से बच्चों के विषय में आँकड़ों के एकत्रीकरण के बारे में लिखो।

 बाल विकास का अध्ययन क्षेत्र मनोविज्ञान के विकास के साथ-साथ धीरे-धीरे विस्तृत

शिक्षा मनोविज्ञान के अध्ययन की विधियों की चर्चा करें।
शिक्षा मनोविज्ञान के अध्ययन की विधियों की चर्चा करें।

 शिक्षा मनोविज्ञान की विधियाँ : शिक्षा मनोविज्ञान में अध्ययन तथा अनुसंधान हेतु सामान्य

बाल विकास को प्रभावित करने वाले सामाजिक एवं सांस्कृतिक संदर्भ का वर्णन कीजिए।
बाल विकास को प्रभावित करने वाले सामाजिक एवं सांस्कृतिक संदर्भ का वर्णन कीजिए।

परिवार तथा स्कूल के वातावरण के बाद समाज बाल विकास को प्रभावित

जीन पियाजे की बाल विकास संबंधी उपचारात्मक विधि पर प्रकाश डालिए।
जीन पियाजे की बाल विकास संबंधी उपचारात्मक विधि पर प्रकाश डालिए।

जीन पियाजे का संज्ञानात्मक और नैतिक विकास का सिद्धान्त शिक्षा मनोविज्ञान में

एक व्यक्ति के रूप में बालक के विकास के बारे में लिखो।
एक व्यक्ति के रूप में बालक के विकास के बारे में लिखो।

हर मकान की आधार शिक्षा उसकी अन्य संरचना से ज्यादा महत्त्वपूर्ण होती

मानव विकास एवं अभिवृद्धि से आप क्या समझते हैं? इसके प्रमुख सिद्धांतों का वर्णन कीजिए।
मानव विकास एवं अभिवृद्धि से आप क्या समझते हैं? इसके प्रमुख सिद्धांतों का वर्णन कीजिए।

 मानव विकास का अध्ययन शिक्षा मनोविज्ञान का महत्वपूर्ण अंग है। एक शिक्षक

बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषताओं एवं इसके लिए शिक्षा के स्वरूप का वर्णन कीजिए।
बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषताओं एवं इसके लिए शिक्षा के स्वरूप का वर्णन कीजिए।

   बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषताएं : 1. जिज्ञासा की प्रबलता- बालक की जिज्ञासा विशेष रूप से

. बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषताओं एवं इसके लिए शिक्षा के स्वरूप का वर्णन कीजिए।
. बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषताओं एवं इसके लिए शिक्षा के स्वरूप का वर्णन कीजिए।

 बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषताएं : 1. जिज्ञासा की प्रबलता- बालक की जिज्ञासा विशेष रूप से

 किशोरावस्था की विशेषताओं एवं इसके लिए शिक्षा के स्वरूप की व्याख्या कीजिए।
 किशोरावस्था की विशेषताओं एवं इसके लिए शिक्षा के स्वरूप की व्याख्या कीजिए।

 मानव विकास की सबसे विचित्र तथा जटिल अवस्था किशोरावस्था है। इसका काल 12 वर्ष

 विभिन्न अवस्थाओं में शारीरिक विकास का आशय स्पष्ट करो।
 विभिन्न अवस्थाओं में शारीरिक विकास का आशय स्पष्ट करो।

मानव जीवन का प्रारम्भ अथवा आरम्भ उसके पृथ्वी पर जन्म लेने से

विभिन्न अवस्थाओं में संज्ञानात्मक या ज्ञानात्मक विकास का वर्णन करो।
विभिन्न अवस्थाओं में संज्ञानात्मक या ज्ञानात्मक विकास का वर्णन करो।

 ज्ञानात्मक विकास एवं उसकी अवस्थायें : 1. ज्ञानात्मक विकास का स्वरूप एवं विशेषताएं- बहुतों में

संवेगात्मक विकास से आप क्या समझते हैं? जीवन की विभिन्न अवस्थाओं में संवेगात्मक विकास की स्थिति स्पष्ट कीजिए।
संवेगात्मक विकास से आप क्या समझते हैं? जीवन की विभिन्न अवस्थाओं में संवेगात्मक विकास की स्थिति स्पष्ट कीजिए।

 संवेगात्मक विकास : संवेग से आशय- संवेग शब्द अंग्रेजी भाषा के ‘Emotion’ शब्द का हिन्दी रूपांतर

शैशवावस्था से किशोरावस्था तक बालक के सामाजिक विकास का वर्णन कीजिए।
शैशवावस्था से किशोरावस्था तक बालक के सामाजिक विकास का वर्णन कीजिए।

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। जन्म से ही वह अपनी आवश्यकताओं की

विभिन्न अवस्थाओं में भाषा विकास का आशय तथा उसको प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन करो।
विभिन्न अवस्थाओं में भाषा विकास का आशय तथा उसको प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन करो।

भाषा विकास बौद्धिक विकास की सर्वाधिक उत्तम कसौटी मानी जाती है। बच्चे

शारीरिक, संज्ञानात्मक, सामाजिक, संवेगात्मक, नैतिक तथा भाषागत विकास में संबंधों के बारे में लिखो।
शारीरिक, संज्ञानात्मक, सामाजिक, संवेगात्मक, नैतिक तथा भाषागत विकास में संबंधों के बारे में लिखो।

 विविध मनोवैज्ञानिकों ने ऐसा माना है कि शारीरिक विकास अगर उत्तम होता

विकास की विभिन्न अवस्थाओं के विकासात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
विकास की विभिन्न अवस्थाओं के विकासात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।

विकास काल का प्रारम्भ बालक के जन्म से माना जाता है और

वंशानुक्रम क्या है? इसके विभिन्न सिद्धांतों एवं बालक के विकास पर वंशानुक्रम के प्रभाव का वर्णन कीजिये।
वंशानुक्रम क्या है? इसके विभिन्न सिद्धांतों एवं बालक के विकास पर वंशानुक्रम के प्रभाव का वर्णन कीजिये।

बालक में पैदा विशेषताओं हेतु उसके माता-पिता को ही जिम्मेदार नहीं ठहराया

वातावरण का अर्थ बताकर बालक पर वातावरण के प्रभाव का वर्णन कीजिये।
वातावरण का अर्थ बताकर बालक पर वातावरण के प्रभाव का वर्णन कीजिये।

वातावरण शब्द के स्थान पर पर्यावरण को प्रयुक्त किया जाने लगा है, अगर

बालक के विकास को प्रभावित करने वाले अन्य कारकों का वर्णन करो
बालक के विकास को प्रभावित करने वाले अन्य कारकों का वर्णन करो

बालक के विकास को प्रभावित करने वाले अन्य कारक निम्नानुसार हैं- 1. जनसंचार

बाल्यावस्था में विकास की विशिष्ट परिस्थितियों का वर्णन करो।
बाल्यावस्था में विकास की विशिष्ट परिस्थितियों का वर्णन करो।

 बाल्यावस्था जिसका समय विद्वानों ने 6 से 12 वर्ष तक माना है। विकास का वह 6 काल होता

 बाल्यावस्था एवं किशोरावस्था के विकासात्मक कार्यों पर प्रकाश डालते हुए अपने अभिप्रेतार्थ पर प्रकाश डालिए।
 बाल्यावस्था एवं किशोरावस्था के विकासात्मक कार्यों पर प्रकाश डालते हुए अपने अभिप्रेतार्थ पर प्रकाश डालिए।

(अ) बाल्यावस्था के विकासात्मक कार्य तथा उसके अभिप्रेतार्थ : शैशवावस्था के उपरांत लगभग 6 से 12 वर्ष

संवेगों के प्रकारों के बारे में लिखो ।
संवेगों के प्रकारों के बारे में लिखो ।

 संवेगों के प्रकार लगभग तीन माह की अवस्था से ही बालक में

संवेगों के नियन्त्रण के बारे में लिखो।
संवेगों के नियन्त्रण के बारे में लिखो।

हर सामाजिक समूह बालकों से यह अपेक्षा करता है कि वह संवेगों

व्यक्तित्व सम्बन्धी फ्रॉयड का मनोविश्लेषणवादी उपागम का वर्णन कीजिए।
व्यक्तित्व सम्बन्धी फ्रॉयड का मनोविश्लेषणवादी उपागम का वर्णन कीजिए।

व्यक्तित्व के सम्बन्ध में फ्रॉयड ने अपने विचार लक्षणवाद तथा संरचनावाद से

समाजीकरण में लैंगिक विभिन्नता के बारे में लिखो।
समाजीकरण में लैंगिक विभिन्नता के बारे में लिखो।

 समाजीकरण में लैंगिक विभिन्नता बाल्यावस्था से परिलक्षित होने लगती है। इस समय

एरिक्सन के व्यक्तित्व सम्बन्धी उपागम का वर्णन कीजिए ।
एरिक्सन के व्यक्तित्व सम्बन्धी उपागम का वर्णन कीजिए ।

एरिक्सन व्यक्तित्व निर्धारण तथा उसके विकास को स्वाभाविक रूप में मानता है।

पूर्व बाल्यावस्था अनुभवों के आगामी व्यक्तित्व पर प्रभाव के बारे में लिखो।
पूर्व बाल्यावस्था अनुभवों के आगामी व्यक्तित्व पर प्रभाव के बारे में लिखो।

बच्चे के पूर्व बाल्यावस्था के अनुभव उसके बाद के व्यक्तित्व को भी

बालक के प्रारम्भिक सामाजिक अनुभवों के महत्त्व के बारे में लिखो।
बालक के प्रारम्भिक सामाजिक अनुभवों के महत्त्व के बारे में लिखो।

  सामाजिक तथा असामाजिक व्यवहार प्रतिमान को बालक अपने जीवन के प्रारsम्भिक काल

सामाजिक सिद्धान्त एवं लैंगिक विकास के बारे में लिखो। ।
सामाजिक सिद्धान्त एवं लैंगिक विकास के बारे में लिखो। ।

 लैंगिक विकास एक सामाजिक सिद्धान्त है । लैंगिक रुप से यदि देखा

संवेगों के विकास के बारे में लिखो।
संवेगों के विकास के बारे में लिखो।

जन्म के समय बालक में संवेगात्मक अनुक्रिया की योग्यता पायी जाती है।

संवेग के कार्यों के बारे में लिखो।
संवेग के कार्यों के बारे में लिखो।

  संवेग के कार्य 1. अन्तर्वैयक्तिक कार्य- संवेग के अर्न्तवैयक्तिक कार्य बहुत महत्त्वपूर्ण होते हैं।

बोल्बी के लगाव सिद्धान्त के बारे में लिखो।
बोल्बी के लगाव सिद्धान्त के बारे में लिखो।

 जॉन बोल्बी (1907-1990) फ्रायड की तरह ही एक मनोविश्लेषण थे एवं मानसिक स्वास्थ्य

संवेगात्मक विकास के सिद्धान्तों का वर्णन करो।
संवेगात्मक विकास के सिद्धान्तों का वर्णन करो।

  संवेगात्मक विकास के सिद्धान्त : बालकों में संवेगात्मक विकास की प्रक्रिया महत्त्वपूर्ण होती

लिंग आधारित सामाजिक वर्ग-समूहों का वर्णन करो।
लिंग आधारित सामाजिक वर्ग-समूहों का वर्णन करो।

लिंग आधारित सामाजिक-वर्ग समूह निम्न हैं- बुद्धिमत्ता- समाज परंपरागत रूप से भिन्न

सामाजिक विकास के प्रतिमान के बारे में लिखो।
सामाजिक विकास के प्रतिमान के बारे में लिखो।

  सामाजिक विकास के प्रतिमान : सभी संस्कृतियों के बच्चों में सामाजिक विकास के

 बालकों के संवेगों की विशेषताएं के बारे में लिखो।
 बालकों के संवेगों की विशेषताएं के बारे में लिखो।

बालकों तथा प्रौढ़ों के संवेग समान नहीं होते हैं। प्रौढ़ो में संवेग

समाजीकरण क्या है ? इसकी प्रक्रिया की विवेचना कीजिए।
समाजीकरण क्या है ? इसकी प्रक्रिया की विवेचना कीजिए।

जन्म के समय बालक न तो सामाजिक होता है और न असामाजिक

सामाजीकरण करने वाले विभिन्न अभिकरणों (एजेंसीज) का वर्णन कीजिए।
सामाजीकरण करने वाले विभिन्न अभिकरणों (एजेंसीज) का वर्णन कीजिए।

  सामाजीकरण की संस्थाएं सामाजीकरण एक जटिल प्रक्रिया है। सामाजीकरण की प्रक्रिया के

विद्यालय की बालक के समाजीकरण में भूमिका का वर्णन करो।
विद्यालय की बालक के समाजीकरण में भूमिका का वर्णन करो।

विद्यालय शिक्षा का महत्त्वपूर्ण, श्रेष्ठ तथा सक्रिय साधन है। बालक के समाजीकरण में

समाजीकरण की प्रक्रिया में शिक्षक की भूमिका के बारे में लिखो।
समाजीकरण की प्रक्रिया में शिक्षक की भूमिका के बारे में लिखो।

समाजीकरण की प्रक्रिया में शिक्षक की भूमिका विद्यालय में समाजीकरण का कार्य

बालक के सहपाठियों से संबंधों के बारे में लिखो।
बालक के सहपाठियों से संबंधों के बारे में लिखो।

समाजीकरण में साथियों की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण होती है। साथियों के व्यवहार

समाजीकरण में सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक भिन्नता का वर्णन करो।
समाजीकरण में सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक भिन्नता का वर्णन करो।

मानव एक सामाजिक प्राणी है। मनुष्य का सामाजिक बनना एक लम्बी प्रक्रिया

सामाजीकरण में लिंग भेद के प्रभाव के बारे में लिखो।
सामाजीकरण में लिंग भेद के प्रभाव के बारे में लिखो।

सामाजीकरण की क्रिया पर लिंग भेद का भी प्रभाव पड़ता है। बच्चा

बाल विकास में बच्चों-बड़ों के आपसी सम्बन्धों तथा मित्र-समूह के प्रभाव के बारे में लिखो।
बाल विकास में बच्चों-बड़ों के आपसी सम्बन्धों तथा मित्र-समूह के प्रभाव के बारे में लिखो।

  बाल विकास में बच्चों-बड़ों के आपसी सम्बन्ध तथा मित्र-समूह का प्रभाव बालक

विपरीत लिंग से मित्रता के बच्चों पर प्रभाव के बारे में लिखो।
विपरीत लिंग से मित्रता के बच्चों पर प्रभाव के बारे में लिखो।

प्रायः लड़के तो लड़कों के साथ व लड़कियाँ लड़कियों के साथ रहना

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