विभिन्न विंडोज हिस्सों को समझावें।

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1. विंडोज एक्स्प्लोरर– यह एक दो विंडो वाला विन्यास है। इसके बाँयें हिस्से में आप को हार्ड डिस्क में उपलब्ध फोल्डर एवं सीडी ड्राइव दिखेगा। एवं दाँये हिस्से में आप हार्ड डिस्क या आपके द्वारा चुने गये फोल्डर फाइलों तथा फोल्डर की जानकारी मिलेगी। ये जानकारियाँ हैं–नाम, प्रकार, साइज तथा मोडिफिकेशन डेट। आप किसी भी विशेषताओं के आधार पर लिस्ट को सोर्ट कर सकते हैं।

एक्स्प्लोरर का प्रयोग प्रोग्राम को रन करने के लिए फाइलों तथा फोल्डर्स को कॉपी करने के लिए या फाइलों को हटाने के लिए किया जा सकता है।

आप दो तरीकों से विंडोज एक्स्प्लोरर खोल सकते हैं–

(i) START → PROGRAMS → WINDOWS EXPLORER

(ii) START → RIGHT CLICK → WINDOWS EXPLORER

2. प्रिंट मैनेजर– यह एक विशेष तरह की विंडो है जिसका प्रयोग मशीन पर हो रही प्रिंट गतिविधियों को देखने के लिए किया जाता है। जब आप प्रिंट कमांड देते हैं डॉक्यूमेंट प्रिंट मैनेजर की लिस्ट से जुड़ जाता है। इस लिस्ट में प्रिंट डॉक्यूमेंट का नाम, उसके पेज तथा उसका स्टेटस दिखाया रहता है । जब डाक्यूमेंट प्रिंट हो जाता है तो प्रिंट मैनेजर में से उसकी एंट्री हट जाती है।

3. कंट्रोल पैनल– कंट्रोल पेनल में विभिन्न कंपोनेंट्स होते हैं, जिनका प्रयोग कंप्यूटर सिस्टम को नियंत्रित करने हेतु किया जाता है । कंट्रोल पेनल में जाने के लिए।

(1) Start → Settings → Control Panel.

(2) My Computer → Control Panel.

कंट्रोल पेनल के प्रमुख हिस्से हैं–

(1) एड न्यू हार्डवेयर– इस कंपोनेंट का प्रयोग हार्डवेयर कंप्यूटर में लगाने हेतु किया जाता है। यह सुविधापूर्ण है, क्योंकि यह प्रोसेस को स्वयं ही कर देता है।

(2) एड/रीमुव प्रोग्राम – इस कंपोनेंट का प्रयोग सॉफ्टवेयर को इन्स्टॉल या सॉफ्टवेयर को हटाने हेतु किया जाता है। हटाये गये सॉफ्टवेयर की रजिस्ट्री से एंट्री भी यह हटा देता है।

(3) डेट/टाइम– इस कंपोनेंट के द्वारा आप डेट/टाइम की एंट्री भी हटा सकते हैं ।

(4) डेस्क टाप थीमस– यह कंपोनेंट आपको डेस्क टॉप को आपके अनुसार दर्शाने में सहायता करता है। आप एक थीम अप्लाय करके डेस्कटाप, वालपेपर, स्क्रीन सेवर, आईकोन तथा साउंड स्कीम को बदल सकते हैं।

(5) डिस्ले– यह कंपोनेंट आपको वालपेपर बदलने, स्क्रीन सेवर बदलने, विंडो का रूप बदलने, आईकोन की साईज बदलने, डेस्क टॉप को वेब पेज की तरह इस्तेमाल करने तथा डिस्प्ले एडाप्टर सेटिंग बदलने में मदद करता है।

(6) फोंट्स– यह कंपोनेंट आपको सिस्टम में उपलब्ध सभी फोंट्स को दर्शाता है । आप एक फोंट पर क्लिक करके देख सकते हैं कि शब्द उसमें कैसे दिखेंगे। आप सिस्टम में नया फोंट भी इसमें उपलब्ध सुविधा द्वारा डाल सकते हैं।

(7) इंटरनेट– यह कंपोनेंट आपको विभिन्न इंटरनेट सेटिंग्स बदलने में सहायता करता है जैसे–डिफाल्ट वेब पेज, सिक्युरिटी आदि।

(8) की–बोर्ड– यह कंपोनेंट आपको की बोर्ड पर दबाई गई ‘की’ के डीले को चेक करने में सहायता करता है। आप कर्सर के क्लिक रेट को भी कंट्रोल कर सकते हैं।

(9) मॉडेम– यह युक्ति आपको मॉडेम को इंस्टाल करने तथा उसे हटाने में मदद करता है। यह आपकी समस्याओं को सुलझाने में भी मददगार है।

(10) माउस– यह कंपोनेंट माउस सेटिंग्स को कंट्रोल करता है। आप लेफ्ट हेंडेड अथवा राइट हेडेड व्यक्ति हेतु माउस को सेट कर सकते हैं। आप उसकी डबल क्लिक की गति को नियंत्रित कर सकते हैं । (आप उसकी गति तथा परछाई को बदल सकते हैं।)

(11) पासवर्डस– यह कंपोनेंट आपको विंडोज पासवर्ड सेट करने तथा उसे हटाने में मदद करता है, यह उस समय उपयोगी है, जब दो यूजर एक ही मशीन को उपयोग में लाते हैं ।

(12) प्रिंटर्स– यह कंपोनेंट मशीन पर उपलब्ध प्रिंट्स की सूची बताता है । यह आपको सिस्टम से एक नया प्रिंटर जोड़ने में भी सहायता करता है।

(13) साउंड– यह कंपोनेंट आपको विंडो से जुड़ी घटनाओं जैसे विंडो को बंद करना, री–स्टार्ट होना आदि के साथ साउंड जोड़ने में सहायता करता है।

4. पेंट ब्रश– इस कंपोनेंट का प्रयोग पेंटिंग में किया जाता है। इसे खोलने के लिए Start → Programs → Accessories → Paint. पेंट में एक टूल बॉक्स होता है जिसमें काफी टूल्स होते हैं जैसे सिलेक्ट, इरेसर, कलर डालना, कलर चुनना, मेग्नीफायर, पेंसिल, ब्रश, लाईन, वृत्त आदि । आप अलग–अलग कलर की लाईन खींच सकते हैं अथवा फिर आप एक आकार खींच कर उसमें कलर भर सकते हैं। यह आपको फ्री हेड ड्रा रंग करने में भी मदद करती है।

5. केलक्यूलेटर– इस कंपोनेंट में एक जैसा दिखने वाला केलक्यूलेटर होता है उसमें दो OPTIONS है एक (1) स्टेंडर्ड, (2) साइंटीफिक।

स्टेंडर्ड केलक्यूलेटर में भी सारे सामान्य बटन होते हैं (0–9), +, –, गुणा, भाग मेमोरी के बटन होते हैं । इस केलक्यूलेटर की सहायता से आप नंबरों को जोड़,घटा, गुणा, भाग कर सकते हैं।

साइंटीफिक केलक्यूलेटर में स्टेंडर्ड केलक्यूलेटर के सारे बटनों के अतिरिक्त कुछ स्टेटिस्टिकल एवं मेथमेटिकल फंक्शन के बटन भी होते हैं । ये गणितीय तथा वैज्ञानिक गणना । करने में उपयोगी होते हैं।

6. डेस्कटॉप– डेस्कटॉप पर आईकोन होते हैं। इन आईकोनों पर डबल क्लिक करके आप उससे जुड़े प्रोग्रामों को खोल सकते है। आप आईकोन पर राईट क्लिक करके प्रोग्राम की विशेषतायें भी देख सकते हैं । डेस्कटॉप पर खाली जगह पर राईट क्लिक करने पर आपको एक मेनु मिलता है जिसमें प्रोपर्टी टेब है, जो आपको डिस्प्ले प्रापर्टी सेट करने में सहायता करता है । इसकी डेस्कटॉप के कारण हमें विंडो में GUL फीलिंग प्राप्त होती है।

7. माय कंप्यूटर– यह कंपोनेंट आपको CD, Hard Disk या फ्लॉपी पर उपस्थित फाइलों तथा फोल्डरों को दर्शाता है । आप हार्डवेयर सेटिंग्स भी बदल सकते हैं। जब आप हार्ड डिस्क पर डबल क्लिक करते हैं तो वह उपस्थित फोल्डर तथा फाइलों को दर्शाता है। आप यहाँ से फोल्डरों तथा फाइलों को कॉपी, पेस्ट एवं स्थानांतरण करा सकते हैं।

माय कंप्यूटर से आप कंट्रोल पेनल तथा प्रिंटर सेटिंग्स में भी जा सकते हैं।

8. सेटिंग्स– इस कंपोनेंट की मदद से आप कुछ सेटिंग्स कर सकते हैं, जिसमें कंट्रोल पेनल, प्रिंटर, टास्कबार तथा स्टार्टमेनु फोल्डर आप्शन, एक्टिव डेस्कटॉप एवं विंडोज अपडेट सम्मिलित है। यह उपयोगी है जब आप सेटिंग्स बदलना चाहते हैं या डेस्कटॉप को वेब पेज की तरह इस्तेमाल करना चाहते हैं।

9. फाइंड– यह कंपोनेंट कंप्यूटर पर उपस्थित फाइलों तथा फोल्डरों को ढूंढने में काम आता है । इसकी एडवांस सेटिंग्स की मदद से आप निश्चित text वाली फाइल या तारीख से भी फाइल ढूँढ़ सकते हैं।

10. रन– यह कंपोनेंट आपको एक प्रोग्राम को रन करने में सहायता करता है। आपको प्रोग्राम का पाथ देना पड़ता है । इसे खोलने के लिए Start → रन एक डाटालोग बॉक्स खुलेगा, जिसमें आप पाथ देंगे।

E.g. C:\Run\star.exe

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