कम्प्यूटर द्वारा शिक्षा में क्या सहायता मिलती है? आभासी वास्तविकता से इसका क्या सम्बन्ध है?

Estimated reading: 1 minute 71 views

कम्प्यूटर का शिक्षा जगत में प्रमुख योगदान है। इससे शिक्षा में होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं-

(1) इसके माध्यम से शिक्षक एवं छात्र द्वारा अपने स्वतः अथवा एक–दूसरे के बारे में शैक्षिक मापन, मूल्यांकन, सम्पूर्ण सलाह, मार्गदर्शन एवं सुझाव आदि के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है। इससे छात्र की योग्यता, क्षमता, दक्षता, कौशल, आवश्यकता, रोजगार एवं व्यवसाय आदि के बारे में सूचना एकत्रित कर सकते हैं। इस प्रकार से इन क्षेत्रों में इससे विविधत् सहायता ली जा सकती

(2) इसके माध्यम से छात्र आवश्यकतानुसार किसी विषय–वस्तु का अभ्यास कर सकता है।

(3) कम्प्यूटर के माध्यम से छात्र वार्तालाप कर सकता है।

(4) सन् 1941 से 1970 के बीच इसकी सहायता से शैक्षिक क्रीड़न को प्रस्तुत किया जाता है।

(5) इससे विभिन्न विषयों के अनुदेशन में सहायता ली जा सकती है।

(6) इससे प्रत्येक स्तर पर शिक्षण सामग्री उपलब्ध करायी जा सकती है।

(7) इससे प्रत्येक छात्र के विकास/ ह्रास का पता लगाया जा सकता है तथा उसे दूर किया जा सकता है। (8) इससे छात्रों में पुनर्बलन मिलता है।

(9) कम्प्यूटर द्वारा छात्र स्वत: तथा शिक्षक स्वतः दोनों ही नियंत्रित रहते हैं।

(10) प्रोग्रामिंग अनुदेशन को कम्प्यूटर अधिक व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करता है।

(11) शैक्षिक सूचना को व्यवस्थित रूप से भण्डारण एवं प्रेषण करता है।

(12) इसकी सहायता से छात्रों को वस्तुनिष्ठ पाठ उपलब्ध कराये जा सकते हैं।

आभासी वास्तविकता– कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी पर आधारित एक नई खोज आभासी वास्तविकता है। आभासी वास्तविकता यथार्थ कम्प्यूटर जनित आभासी परिवेश प्रदान करती है। इसका उपयोग विज्ञान के प्रयोगों की परिकल्पना के लिए एक अति उन्नत साधन के रूप में किया जा सकता है। जैसे प्राकृतिक घटना के यथार्थवादी अनुरूपण, जोखिम भरे प्रयोगों के प्रचालन आदि । इसके द्वारा छात्र जीवन के समान कृत्रिम संसार के साथ अंतक्रिया करके अपनी इच्छानुसार प्रत्यक्ष अनुभूति, खोज और संचालन कर सकता है । कम्प्यूटर जनित कृत्रिम संसार की विभिन्न वस्तुएँ वास्तविक विश्व की वस्तुओं के समान व्यवहार करती हैं। आभासी वास्तविकता के द्वारा कम्प्यूटर दृश्य जगत,श्रब्य जगत और स्पर्श जगत की रचना की जा सकती है। इसमें तीन इन्द्रियों–देखना,सुनना और छूना–अनुभूति की सामग्री प्रदान करती है । इस प्रकार आभासी वास्तविकता मानव और यंत्रों के मध्य अन्तक्रिया का वह उपकरण है, जिससे शिक्षा और प्रशिक्षण में भारी परिवर्तन आ सकता है।

Leave a Comment

CONTENTS