व्यवहार – परिवर्तन प्रतिमान के बारे में लिखो।

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इस प्रतिमान में छात्रों के व्यवहार परिवर्तन को अधिक महत्त्व दिया जाता है । सीखने की क्रियाओं और समुचित पुनर्बलन की सहायता से छात्रों में अपेक्षित व्यवहार – परिवर्तन लाया जाता है। प्रतिमान को स्किनर ने प्रस्तुत किया है। यह स्किनर के अधिगम के सिद्धान्त पर आधारित है। इसका प्रयोग शिक्षा के विभिन्न प्रकार के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये किया जा सकता है।

इस वर्ग में केवल एक प्रतिमान ‘स्किनर’ का सम्मिलित किया जाता है, जिसे सक्रिय अनुबद्ध – अनुक्रिया शिक्षण प्रतिमान अथवा स्किनर शिक्षण प्रतिमान कहते हैं।

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