श्यामपट्ट कौशल से आप क्या समझते हैं ? श्यामपट्ट का उपयोग करते समय किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?

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श्यामपट्ट उपयोग – कक्षा अध्यापन में दृश्य साधन रूप में श्यामपट्ट ही सर्वाधिक प्रयोग म आता है। श्यामपट्ट का उचित, सही एवं विधिपूर्वक उपयोग पाठ को प्रभावशाली बनाने में बहुत सहायक होता है। श्यामपट्ट का प्रयोग में अध्यापक को पारंगत होना चाहिए ताकि वह इस साधन का कुशलतापूर्वक उपयोग कर पाठ को सफल बना सके । अच्छा अध्यापक श्यामपट्ट का सही और प्रभावी उपयोग करता है।

श्यामपट्ट कार्य में तीन पक्षों का विशेष ध्यान रखा जाता है –

(1) लेख स्पष्ट हो व पढ़ा जा सके।

(2) श्यामपट्ट कार्य स्वच्छ व विधिवत हो।

(3) यह कार्य उपयुक्त एवं पाठ से सम्बन्धित हो और पाठ विकास में सहायक हो।

इस प्रकार यह श्यामपट्ट पर कार्य पाठ को रोचक बनाता है और छात्रों को पाठ्य विषय को समझाने में सहायक सिद्ध होता है।

छात्राध्यापक जब भी श्यामपट्ट कार्य करे तो उसे अपने आप से निम्न प्रश्न पूछने चाहिए –

(1) क्या लेख स्पष्ट व सत्य है?

(2) क्या कक्षा के अन्तिम छोर पर बैठा छात्र इसे पढ़ सकता है?

(3) क्या पाठ के अन्त में छात्र श्यामपट्ट पर सारांश को पढ़कर पूरे पाठ की पुनरावृत्ति कर सकते हैं?

(4) क्या मुख्य बिन्दु रेखांकित किए गए?

(5) क्या पाठ के सभी अंशों को उचित स्थान दिया गया है?

(6) क्या चित्र/ रेखाचित्र स्पष्ट एवं बोधगम्य है ?

इन सभी प्रश्नों के उत्तर इस बात के प्रभाव होंगे कि श्यामपट्ट कार्य कितना उपयोगी व सफल है । वस्तुनिष्ठता को ध्यान में रखते हुए श्यामपट्ट कार्य के लिये निम्न बातों का ध्यान देना आवश्यक है ताकि पूर्ण कौशल का विकास हो सके।

(1) लेख की स्पष्टता – श्यामपट्ट पर लिखे गये अक्षर एक दूसरे के बराबर व एक सी दूरी पर हों। अन्तराल जहाँ आवश्यकता हो वहीं दिया जाये । अक्षरों का आकार सही एक सा हो । अक्षरों का झुकाव एक सा ही हो । बड़े व छोटे अक्षरों का लेख सही हो।

(2) श्यामपट्ट कार्य में स्वच्छता – शब्द समूह एवं वाक्य सीधी लाइन में और श्यामपट्ट के आधार के समानान्तर हो। इन लाइनों के मध्य की दूरी एक सी हो। मुख्य बिन्दु व अन्य विवरण इस प्रकार लिखा जाये कि मुख्य बिन्दु स्पष्टतः समझ में आये। छात्रों का ध्यान उचित सन्दर्भ में आकर्षित किया जा सके। लेख में शब्दों भी वाक्यों का आत्मालेख न हो । श्यामपट्ट का आलेख पाठ सम्पूर्ण पाठ्यवस्तु का सारांश होता है।

(3) श्यामपट्ट कार्य की उपयुक्तता – श्यामपट कार्य में शब्द या वाक्यों का लेख होता है तथा चित्र/रेखा चित्र आदि बनाकर उनकी व्याख्या की जाती है। इन सबकी उपयुक्तता निम्न से जाँची जा सकती है –

लिखित सामग्री, संक्षिप्त, प्रासंगिक व स्पष्ट हो । ध्यान आकर्षित करें __ रुचिकर हो । मुख्य बिन्दुओं को रेखांकित किया जाये । रंगीन चॉक का यथायोग्य उपयोग करें। रेखाचित्र व चित्र स्पष्ट, बड़े व पाठ्य वस्तु की व्याख्या करने वाले हों

इन सभी के अतिरिक्त प्रभावशाली श्यामपट्ट कार्य हेतु निम्न कुछ बातों का भी ध्यान रखा जाना आवश्यक है –

(क) कक्षा में श्यामपट्ट की व्यवस्था पर ध्यान दें और उसे ठीक करें ताकि कक्षा श्यामपट्ट लेख भली प्रकार देख सके।

(ख) श्यामपट्ट पाठ से पूर्व साफ कर लिया जाये।

(ग) आवश्यकतानुसार चॉक साथ लाये जायें।

(घ) श्यामपट्ट और छात्रों के बीच अध्यापक को व्यवधान नहीं बनाना चाहिए, इसलिए एक ओर खड़े हों।

(ङ) श्यामपट्ट पर कार्य का उपयोग करने हेतु पाइंटर का उपयोग करें।

(च) चॉक से लिखते समय आवाज न हो।

(छ) चॉक पर पर्याप्त दबाव डालकर लिखें ताकि लेख स्पष्ट अंकित हों।

(ज) श्यामपट्ट साफ करते हुए धूल न उड़े अन्यथा कक्षा का पर्यावरण दूषित होता है –

(झ) श्यामपट्ट पर वर्तनी की अशुद्धियाँ न करें।

इस कौशल के विभिन्न घटकों का आवृत्ति अंकन अनुसूची पर और उसका मूल्यांकन मूल्यांकन सूची पर किया जाता है ।

लेख की स्पष्टता

(1) स्पष्ट अक्षर

(2) अनुपयुक्त अक्षर

(3) शब्दों में अनुपयुक्त अन्तराल

(4) अक्षर कक्षा के अंतिम छोर से पढ़े जा सकते हैं

(5) बड़े व छोटे अक्षरों के आकार में अन्तर

(6) अक्षरों की मोटाई में अन्तर

श्यामपट्ट कार्य में स्वच्छता

(7) वाक्य सीधी लाइन में नहीं

(8) दो लाइनों के बीच अन्तराल अनुपयुक्त

(9) शब्द अव्यलिखित

(10) श्यामपट्ट पर ध्यान आकर्षण हेतु इंगित

श्यामपट्ट कार्य की उपयुक्तता

(11) श्यामपट्ट कार्य में सततता का अभाव

(12) श्यामपट्ट कार्य स्पष्ट व संक्षिप्त

(13) रंगीन चॉक का प्रयोग किया गया।

(14) मुख्य शब्दों व बिन्दुओं का रेखांकन

(15) चित्र/रेखाचित्र पाठ के साथ – साथ व बनाये ।

(16) चित्र/रेखाचित्र उपयुक्त थे|

अन्य बिंदु (सम्बन्धित) क्षेत्रों में × का चिन्ह लगायें|

निरिक्षण कार्य

(1) श्यामपट्ट को पाठ – आरम्भ करने से पूर्व साफ किया।

(2) पाठोपरान्त श्यामपट्ट साफ किया।

(3) कक्षा में छात्रों और श्यामपट्ट के बीच अध्यापक व्यवधान नहीं बना।

(4) चॉक से लिखते समय चॉक घिसने की आवाज हुई।

(5) उचित दबाव डालकर चॉक से लिखना।

(6) श्यामपट्ट साफ करते समय धूल उडती थी।

(7) श्यामपट्ट लेख में वर्तनी की गलतियाँ थीं।

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