श्यामपट्ट कार्य कौशल पर एक सूक्ष्म पाठ योजना बनाइए?

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कौशल –  श्यामपट्ट कार्य कौशल

कक्षा –  9वीं

विषय –  गणित (बीजगणित)

प्रकरण –  (a + b)2

समय –  10 मिनट

शिक्षक             a × a को कैसे लिखेंगे?

छात्र                छात्र उत्तर श्यामपट्ट पर लिखता है।

a x a = a2

शिक्षक            a x b को कैसे लिखेंगे?

छात्र                a x b = ab

शिक्षक            a + a को कैसे लिखेंगे?

छात्र                 a + a = 2a

शिक्षक            ab + ab को कैसे लिखेंगे?

छात्र                 ab + ab = 2ab

शिक्षक             (a + b)(a + b) को कैसे लिखेंगे?

छात्र                 (a + b)2

शिक्षक              (a + b)2 को हल कर बताएं क्या होगा?

छात्र यह किस प्रकार हल करेंगे?

शिक्षक (a + b)2 = (a + b) (a + b)

अर्थात् (a + b) को (a + b) से गुणा करो

(एक – एक कर छात्रों को बुलाकर सवाल कराते हैं ।)

छात्र बोर्ड पर लिखते हैं

   (a + b)

× (a + b)

a2 + ab

+ba + b2

a2 + 2ab+b2

शिक्षक            (a + b)2 = a2 + 2ab + b2

इस सूत्र को याद कर लें ताकि हर बार गणा न करना पड़े ।

छात्र                 छात्र नोट – बुक में लिख लेते हैं।

शिक्षक            (x +y)2 इसी सूत्र से हल करें।

छात्र (x+y)2 = x2+2xy+y2

शिक्षक 102 x 102 या 102 को इसे सूत्र से हल करें |

छात्र 1022 = (100 + 2)2

= 1002+2(100)(2) + 22

=10,000 + 400 + 4 = 10404

शिक्षक            शाबाश

फिर वह श्यामपट्ट पर आता है और निलम्बित वाष्प लिखता है । जल वाष्पों के माध्यम से गुजरती हुई सूर्य की किरणों को दर्शाने वाला आरेख खींचता है । (संचालन, दृश्य – श्रव्य परिवर्तन)

ये किरणें फिर सात रंगों (वर्णों) में इन्द्रधनुष बनाती हुई बँट जाती है । क्या तुम वर्षा के बाद हमेशा इन्द्रधनुष देखते हो?

(अन्योन्य क्रिया के स्वरूप में परिवर्तन)

छात्र                  जी नहीं, यह वर्षा के बाद हमेशा नहीं दिखाई देता।

शिक्षक            क्यों? (अन्योन्य क्रिया के स्वरूप में परिवर्तन)

छात्र                 इन्द्रधनुष का बनना वायु में जलवाष्पों की उपस्थिति पर निर्भर करता है (विद्यार्थी के प्रत्युत्तर पर टिप्पणी किए बिना)।

छात्र                 वायु में जलवाष्पों की उपस्थिति के अलावा, इन्द्रधनुष का बनना उस कोण पर भी निर्भर करता है जिस कोण पर सूर्य की किरणें इन जलवाष्पों के माध्यम से गुजरती है। यदि वे उस क्रांतिक कोण से होकर गुजरती हैं, तभी इन्द्रधनुष बनता है |शिक्षक            यह एक विरल घटना है। इन्द्रधनुष का बनना, इस प्रकार दो कारकों पर निर्भर करता है, अर्थात् वायु में जलवाष्पों             की उपस्थिति और सूर्य की किरणों का इन वाष्पों के मध्य क्रांतिक कोण से होकर गुजरती है तभी इन्द्रधनुष             बनता है। अब तुम लोगों में से प्रत्येक विद्यार्थी अपनी अभ्यास पुस्तिका में आरेख खींच कर बताएं कि इन्द्रधनुष             कैसे बनता है?

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