कुशल कक्षा अध्यापक हेतु कक्षा प्रबन्ध के महत्त्व को समझाइए?

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कुशल कक्षा अध्यापन हेतु यह आवश्यक – सा हो जाता है कि कक्षा में अनुशासन बना रहे व मित्रतापूर्ण वातावरण का निर्माण हो। पाठ पढ़ाते समय अध्यापक अनेक ऐसे कार्य करता है व आदेश देता है, जो छात्रों की सीमित दायरे में रखकर उन्हें पाठ पढ़ाने की अधिक सुविधापूर्ण स्थिति उपलब्ध करने में सहायक होते हैं। छात्र स्वीकृत व्यवहार अपनाएं; अध्ययन उनके लिए रुचिकर हो, इन सभी के लिए आवश्यक है कक्षा में शान्ति व व्यवस्था बनी रहे । इससे छात्र शैक्षिक उद्देश्य प्राप्त करने में सफल हो सकेंगे।

अध्यापक व छात्रों में उचित अन्तरक्रिया होने और उससे अच्छे वातावरण की उत्पत्ति होने पर ही कक्षा प्रबन्ध सफल होता है और छात्र मन लगाकर अपना पाठ ग्रहण करते हैं।

कक्षा प्रबन्ध के घटक

(1) छात्रों के वांछित व्यवहार हेतु परिस्थिति निर्माण के अन्तर्गत शिक्षक को छात्रों के कक्षा में व्यवहार पर ध्यान देना होगा। वांछित व्यवहार का प्रबलन कर उसे प्रोत्साहित करना होगा और अवांछित व्यवहार को नकारात्मक प्रबलन से रोकना होगा।

जब कक्षा में शिक्षक के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए सभी छात्र एक साथ बोलना शुरू कर देते हैं, तब शिक्षक इसे रोकता है और उन्हें ग्रंथ ऊंचा करने हेतु कहता है तथा जिससे पूछा जाए वही उत्तर दें ऐसे निर्देश देता है।

(2) कक्षा में मित्रतापूर्ण वातावरण के निर्माण हेतु शिक्षक छात्रों से सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करता है । वह उन्हें अपनी बात कहने का अवसर प्रदान करता है और प्रोत्साहित करता है। शिक्षक व छात्र मित्रों की तरह व्यवहार करते हैं। शिक्षक मित्र रहते हुए भी सीमाओं का ध्यान रखता है।

(3) शिक्षक छात्र अधिगम को रुचिपूर्ण व आकर्षक बनाने का प्रयास करता है। छात्रों को क्रियाशीलता का अवसर देता है। कहानी, नाटक, फिल्म आदि का उपयोग कर अधिगम को रुचिपूर्ण बनाता है।

(4) शिक्षक पाठ के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए छात्रों को अभ्यास कराता है व प्रश्न पूछता है, जिनसे इन उद्देश्यों की पूर्ति होती है।

(5) शिक्षक अन्तरक्रिया परिवर्तन का विशेष ध्यान रखता है जिससे कि कक्षा में छात्र अधिक से अधिक भाग लें। शिक्षक उन्हें बोलने व क्रिया करने का अवसर प्रदान करता है। शिक्षक व छात्र मिलकर सीमाओं में रहते हुए पाठ का विकास करते हैं व उद्देश्यों को प्राप्त करते हैं।

इस कौशल की आवृत्ति अंकन अनुसूची व मूल्यांकन सूची निम्नानुसार है –

परीक्षक अनुसूची : कक्षा प्रबंध

दिनांक : –         दिन : –           कक्षा : –

छात्राध्यापक का नाम : –

पाठ :-            प्रकरण :-

घटकआवर्त्ति अंकनमिनिट  1  2  3  4  5  6  7  8  9  10 
(1) एकीकृत छात्र व्यवहार हेतु परिस्थिति बनाई|(2) मित्रतापूर्ण वातावरण तैयार किया(3) अधिगम रुचिपूर्ण व आकर्षक बनाया।(4) छात्रों को शैक्षिक उद्देश्य प्राप्ति हेतु प्रेरित किया।(5) छात्र अध्यापक अन्तरक्रिया (घटक के आवृत्ति के आधार पर मूल्यांकन करें) 

मूल्यांकन अनुसूची : कक्षा प्रबंध

दिनांक : –         दिन : –           कक्षा : –

छात्राध्यापक का नाम : –

पाठ :-            प्रकरण :-

घटकबिल्कुल नहीं  सामान्य   बहुत अधिक 0  1         2  3  4         5  6  
(1) स्वीकृत छात्र व्यवहार हेतु परिस्थिति निर्माण(2) मित्रतापूर्ण वातावरण बनाया।(3) अधिगम रुचिपूर्ण व आकर्षक बनाया।(4) छात्रों को शैक्षिक उद्देश्य प्राप्ति हेतु प्रेरित किया।(5) छात्र अध्यापक अन्तरक्रिया (घटक के आवृत्ति के आधार पर मूल्यांकन करें)

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