पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम 1994

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पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम 1994- भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगनुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है। भारत सरकार ने स्पष्ट रूप से जन्म पूर्व लिंग निर्धारण के प्रति अपना विरोध व्यक्त किया, जिसके फलस्वरूप दिनांक 1.1.96 को प्रसव पूर्व निदान तकनीक (विनियमन और दुरूपयोग निवारण) अधिनियम, 1994 लागू कर ऐसी जॉचों को कानूनी अपराध ठहराया है। इस अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत आनुवंशिक सलाह केन्द्रों, आनुवंशिक प्रयोगशालाओं, आनुवंशिक क्लिनिकों, अल्ट्रासाउण्ड क्लिनिकों और इमेजिंग सेन्टरों में जहां गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक से संचालन की व्यवस्था है वहां जन्म पूर्व निदान तकनीकों का उपयोग केवल निम्नलिखित विकारों की पहचान के लिए ही किया जा सकता है:

  • गुणसूत्र सम्बन्धी विकृति।
  • आनुवंशिक उपापचय रोग।
  • रक्त वर्णिका संबंधी रोग।
  • लिंग संबंधी आनुवंशिक रोग ।
  • जन्मजात विकृतियां।
  • केन्द्रीय पर्यवेक्षक बोर्ड द्वारा संसूचित अन्य असमानताएं व रोग ।

इस अधिनियम के अन्तर्गत यह भी व्यवस्था है कि प्रसव पूर्व निदान तकनीक के उपयोग या संचालन के लिये चिकित्सक निम्नलिखित शर्तो को भली प्रकार जांच कर लेवें कि गर्भवती महिला के भ्रूण की जांच की जाने योग्य है अथवा नही:

  • गर्भवती स्त्री की उम्र 35 वर्ष से अधिक है।
  • गर्भवती स्त्री के दो या उससे अधिक स्वतः गर्भपात या गर्भस्त्राव हो चुके हैं।
  • गर्भवती स्त्री नशीली दवा संक्रमण या रसायनो जैसे सशक्त विकलांगता प्रदार्थो के संसर्ग में रही है।
  • गर्भवती स्त्री या उसके पति का मानसिक मंदता या संस्तंभता जैसे किसी शारीरिक विकार या अन्य किसी आनुवांशिक रोग का पारिवारिक इतिहास है।
  • केन्द्रीय पर्यवेक्षक बोर्ड द्वारा संसूचित कोई अन्य अवस्था है।

इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है एवं इसके तहत लिंग की जांच पर पाबंदी है। ऐसे में अल्ट्रासाउंड या सोनोग्राफी कराने वाले जोड़े या करने वाले डॉक्टर, लैब कर्मी को 3 से 5 साल तक की सजा और 10 से 50 हजार तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान है ।

पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम (संशोधन) 1994 भारत सरकार ने उक्त अधिनियम में आवश्यक संशोधन कर दिनांक 14.2.2003 से अधिनियम का नाम गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध)अधिनियम, 1994 रखा है।

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