विपरीत लिंग से मित्रता के बच्चों पर प्रभाव के बारे में लिखो।

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प्रायः लड़के तो लड़कों के साथ व लड़कियाँ लड़कियों के साथ रहना पसन्द करती हैं लेकिन कभी-कभी कुछ बच्चे अपने विपरीत लिंग के साथ रहना, मित्रता करना व खेलना पसन्द करते हैं। विपरीत लिंग की मित्रता का प्रभाव बच्चों पर साफ देखने को मिलता है। जैसे जो लड़कियाँ लड़कों के साथ बचपन से खेलती हैं या रहती हैं वह वैसी ही भाषा बोलने लगती हैं और उन्हीं की तरह वेशभूषा पहनकर रहने में उन्हें आनन्द का अनुभव होता है। उनमें शर्मीलेपन है का अभाव पाया जाता है । वह लड़कों वाले खेल खेलना पसन्द करती हैं। दूसरी ओर जो लड़के लड़कियों के साथ रहते हैं व खेलते हैं उनमें धीरे-धीरे लड़कियों वाली प्रवृत्ति दिखाई देती है। उसमें वैसी ही चाल-ढाल पैदा हो जाती है वह घर में रहकर माँ के साथ काम कराना पसन्द करते हैं लेकिन हमेशा ऐसा हो, ये जरूरी नहीं है।

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