अल्पना एवं रंगोली के बारे में लिखिए।

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अल्पना- भारतवर्ष प्राचीनकाल से ही बड़ी रीतियों (परम्पराओं) एवं सांस्कृतिक आस्थाओं का देश है। अत: आज भी महिलाएं कई त्यौहारों एवं पर्व पर फर्शआंगन भवन की दीवारों पर अल्पना एवं रंगोली बनाती हैं। अल्पना तथा रंगोली करना महिलाएं बहुत शुभ मानती हैं 

अल्पना हेतु आवश्यक वस्तुएं- कलई का सफेद रंगगेरू का लाल रंग एवं पीली मिट्टी का पीला रंग आदि ।

विधि- अल्पना‘ फर्श पर दीवारों पर सुन्दर रंग एवं कई सजावट की कलाकृतियों का चयन करके रंग वाली बुश अथवा कुंचियों की मदद से बनायी जाती है। इसके तैयार करने में कलई का सफेद रंगगेरु का लाल रंग एवं पीली मिट्टी का पीला रंग आदि का उपयोग किया जाता हैजैसे-रक्षाबन्धनअहोई-अष्टमी तथा दीपावली आदि पर्वो पर अल्पना‘ से भवन को सुन्दर बनाते हैं।

रंगोली करने के लिए आवश्यक वस्तुएं- गेहूँ की भूसी (आटा) तथा गुलाब आदि।

विधि- रंगोली द्वारा भी अल्पना की तरह त्यौहारों पर रंगों की मदद से भवनों को चित्रों द्वारा सजाया जाता है। इससे सूखे रंगों का प्रयोग किया जाता है। सूखे रंगों में गुलाल का उपयोग करते हैं। गेहूँ की भूसी को विविध रंगों में रंगकर चित्रानुसार प्रयोग में लाते हैं ।

राजस्थान में अल्पना‘ तथा रंगोली‘ सजाने की विशेष प्रथा है बहुत-सी रंगोली पत्र-पत्रिकाओं एवं अखबारों में प्रकाशित होती हैं। उनमें से सुन्दर नमूने छाँटकर खड़िया एवं गेरु की सहायता से घर के फर्शआंगन या दीवारों पर बना लेते हैं।

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