पेपरमेशी या मृदा निर्माण के बारे में लिखिए।

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चिकनी मिट्टी एवं कुटी हुई कागज की लुगदी से खिलौने या मूर्तियाँ बनायी जाती हैं। इसको फ्रांसीसी भाषा में पेपरमेशी अथवा मिट्टी-कुट्टी कहते हैं। इसके द्वारा बने हुए खिलौने तथा मूर्तियाँ अत्यधिक सुन्दर एवं आकर्षक होते हैं। इनके निर्माण से छात्रों में सृजनात्मक प्रवृत्ति का विकास होता है एवं उनके लिए आजीविका का मार्ग प्रशस्त होता है । आजीविका से कमाई कर बालक आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

आवश्यक सामग्री- खराब रद्दी कागज किलोग्राम पानीस्टोवबर्तनखड़िया मिट्टी या मुल्तानी मिट्टी 20 कि.ग्रा. गोंदसोप स्टोन पाउडरवार्निश-ऑयल कलर कि.ग्रा. बेसन, चकला और साँचे।

पेपरमेशी (मिट्टी-कुट्टी) बनाने की विधि- घटिया किस्म का रद्दी कागज,बालकों की कॉपियाँरद्दी पुस्तकें और कागज की कतरन लेकर उसे उबालकर गलाने हेतु रख दिया जाता है। 7-8 दिन बाद जब कागज गल जाता है तो उसमें मुलतानी मिट्टी अथवा खड़िया मिट्टी मिलाकर कुटायी करते हैं। 2½ किलो कागज में 50 किलो मिट्टी मिलायी जाती है। इस मिश्रण को मोगरी से खूब कुटायी करके अच्छी तरह से धुले हुए धौ के गोंद को हम मिक्स्चर में मिला देते हैं। फिर उसकी कुटाई करते हैं । कुटाई इतनी की जाती है कि कागज का एक भी रेखा नहीं दिखायी देता । इसको मिट्टी कुट्टी कहते हैं । मिट्टी-कुट्टी का प्रयोग खिलौने बनाने में होता है। खिलौने के साँचे पहले से तैयार कर लिये जाते हैं । साँचों को खोलकर मिट्टी-कुट्टी की रोटी-सी बनाकर साँचे के अर्ध भाग में समतल मोटाई में लपेटा जाता है । साँचे के गड्ढों को दवा-दबाकर भर दिया जाता है ताकि साँचे में बनी आंखकान एवं नाक आदि साफ-साफ उभर आयें । साँचे के किनारों से बाहर निकलती हुई मिट्टी-कुट्टी को चाकू से छीलकर अलग कर दिया जाता है साँचे के दोनों पलड़ों को जोडकर पूरा खिलौना तैयार किया जाता है। खिलौने के सूख जाने पर उस पर ग्लेज किया जाता है अथवा लाख का पानी चढ़ाकर उसे सुन्दर चमकीला बनाया जाता है।

आम का मॉडल बनाना- आम का मॉडल बनाने हेतु आकार के अनुरूप मिट्टी तोड़कर हाथअंगूठा एवं अंगुलियों की सहायता से उचित आकृति प्रदान करनी चाहिये अर्थात् आम के अनुसार आकृति बनायेंजैसे-आम की आकृति अण्डाकार होती है। पहले मिट्टी को आम की आकृति के अनुसार कर लेना चाहिये। अब आकृति का नीचे का कुछ भाग अंगूठे से दबा देना चाहिये। मॉडल बनाते समय अगर सफाई के लिए पानी की जरूरत हो तो जरूर काम में लेना चाहिये। ऊपर एक छोटी-सी बोट का निशान बना दें। इसके पश्चात् मॉडल को सूखने हेतु छाया में रख दें। सूखने के पश्चात् रंग का कार्य पूरा करें ।

पपीते का मॉडल बनाना- पपीते की आकृति तैयार करने के लिए तैयार मिट्टी में से आकृति के अनुसार मिट्टी लेकर उसे गोल करके नीचे से थोड़ा मोटा एवं ऊपर की ओर से हल्का-पतला करते जायें और बीच में धारियाँ-सी बना दें। इस प्रकार पपीते का मॉडल तैयार हो जाता है और इसे कुछ कच्चा एवं पक्का-सा रंग करना चाहिये । हरे रंग में हल्का-पीला रंग मिलाकर कच्चा फल दिखायें । इसी प्रकार अन्य फल एवं सब्जियाँ भी तैयार की जा सकती हैं इन पर मुख्य काम रंग करना होता हैइससे ही फल की वास्तविकता दिखायी देती है। यदि कुछ बनाने में कमी रह जाती है तो रंग सुधार देता है । इन पर रंगने के लिए सदैव कच्चे रंग काम में लाये जाते हैं।

अनार का मॉडल बनाना- मॉडल की आकृति के अनुसार मिट्टी तोड़कर उसका गोला बना लें। इसे कुछ ऊपर उठाकर एवं कुछ नीचे दबाकर चपटा कर लें और अनार की आकृति दे दें । इसी प्रकार हम अन्य मॉडल या खिलौने तैयार कर सकते हैं।

सावधानियाँ- खिलौने बनाते समय निम्नलिखित सावधानियाँ रखनी चाहिये

(1) इस प्रकार की मूर्तियाँ एवं खिलौने (मॉडल) बनाने के लिए कागज घटिया किस्म का होना चाहियेजिससे वह पानी में आसानी से गल सके।

(2) खड़िया मिट्टी अच्छी किस्म की होनी चाहियेजिससे खिलौना आसानी से टूटे नहीं ।

(3) साँचे में पदार्थ धीरे और सरलता से भरना चाहिये ।

(4) सूखने के पश्चात् पदार्थ को साँचे में से निकालना चाहिये।

ऐसा करने से खिलौने एवं मूर्तियाँ सुन्दर एवं आकर्षक लगती हैं।

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