विभिन्न एप्लीकेशन सॉफ्टवेयरों का वर्णन कीजिए।

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एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का प्रयोग कंप्यूटर द्वारा किसी निश्चित कार्य को कराने हेतु किया जाता है; जैसे–आरक्षण, बहीखाता, वेतन तालिका, अंक पत्र आदि बनाने के लिए जो प्रोग्राम बनाकर हम कंप्यूटर को देते हैं, वो सभी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होते हैं । जन्मपत्रिका बनाने हेतु प्रसिद्ध सॉफ्टवेयर Future Point इसका उदाहरण है। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के कार्यों की क्षमता सीमित होती है।

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर अनेक प्रोग्रामों का एक समूह होता है, अतः इसे एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पैकेज भी कहते हैं। हर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का अपना एक निश्चित उद्देश्य होता है जिसके लिए उन्हें बनाया गया है, जैसे Tally, Excel सॉफ्टवेयर का निर्माण Accounting के लिए किया गया है। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर निम्न तरह के होते हैं–

* वर्ड प्रोसेसर

* प्रजेंटेशन सॉफ्टवेयर

* स्प्रेडशीट

* डाटाबेस मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर

वर्ड प्रोसेसर

वर्ड प्रोसेसर का प्रयोग पत्र लिखने, दस्तावेजों को तैयार करने, उन्हें सुव्यवस्थित करने, उनमें संशोधन करने एवं उन्हें प्रिंट कराने हेतु होता है। वर्ड प्रोसेसर के माध्यम से आप जो की–बोर्ड के द्वारा लिखते हैं वह कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देता है । आप उसे पढ़ सकते हैं, उसमें इच्छानुसार परिवर्तन. एवं डिजाइनिंग कर सकते हैं और कागज पर छाप सकते हैं | कागज पर छापने से पहले आप जितनी बार चाहें शब्दों में संशोधन कर सकते हैं। आप इन शब्दों को भविष्य के लिए सेव करके सुरक्षित भी रख सकते हैं। आप इन शब्दों को Formatting भी कर सकते हैं । फॉरमेटिंग द्वारा आप पैराग्राफों को व्यवस्थित कर सकते हैं, कैरेक्टरों का रूप बदल सकते हैं।

वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर में कई बहुत ही ज्यादा उपयोगी यंत्र होते हैं; जैसे वर्ड रैप, वर्तनी जाँच (Spelling Check), पृष्ठ का डिजाइन आदि । वर्ड स्टार,वर्ड परफेक्ट एवं एम.एस. वर्ड इसके कुछ उदाहरण हैं ।

प्रजेंटेशन सॉफ्टवेयर

प्रजेंटेशन के माध्यम से हम अपने विचार, सुझाव व मत अन्य लोगों के सामने रख सकते हैं । प्रजेंटेशन सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके हम अपनी बातों को एक Projector के माध्यम से बड़े पर्दे पर या कंप्यूटर स्क्रीन पर बड़े प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं। प्रजेंटेशन के समय सबसे महत्वपूर्ण संदेश में स्पष्टता का होना होता है।

जब आप एक औपचारिक प्रजेंटेशन तैयार कर रहे हैं तो जो भी आप कहना चाहते हैं उसे Slides के द्वारा दर्शाया जा सकता है। कई अध्ययनों द्वारा यह सिद्ध हो चुका है कि कोई भी व्यक्ति सुनने की तुलना में देखकर किसी बात को शीघ्र समझ सकता है। अतः प्रजेंटेशन में उपयोग की जाने वाली स्लाइड्स में संदेश महत्वपूर्ण बिन्दुओं के साथ चित्र, ध्वनि आदि का प्रयोग भी किया जा सकता है। आप चित्रों के साथ आवाज भी डालकर अपने प्रजेंटेशन को अधिक सजीव एवं आकर्षक बना सकते हैं। अगर आप अपने प्रजेंटेशन में एक से अधिक माध्यमों का प्रयोग कर रहे हैं तो इसे ‘मल्टीमीडिया प्रजेंटेशन’ कहते हैं।

आप प्रजेंटेशन का उपयोग व्यावसायिक योजना तथा रणनीति के प्रदर्शन हेतु अपनी संस्था के विवरण, रिपोर्ट या अपने उद्योग को बढ़ाने की योजनाओं के लिए बना सकते हैं।

बाजार में उपलब्ध प्रजेंटेशन सॉफ्टवेयर में माइक्रोसॉफ्ट का पावर प्वॉइंट प्रमुख है। यह ऑफिस सुइट का ही भाग है। पावर प्वॉइंट के द्वारा हम अपने प्रजेंटेशन को प्रभावी एवं आकर्षक ढंग से लोगों के सामने पेश कर सकते हैं । इन प्रजेंटेशन में आवाज एवं विडियों क्लिप का भी समावेश किया जा सकता है । पॉवर प्वॉइंट में तैयार की गयी प्रस्तुति स्लाइड्स, हैंड आउट्स, वक्ता संदेश आदि सब एक फाइल में शामिल होते हैं।

Slides– हमारे द्वारा तैयार किये जाने वाले प्रजेंटेशन के प्रारूप को स्लाइड्स कहा जाता है । इन स्लाइड्स पर प्रजेंटेशन का शीर्षक, लिखी गयी सामग्री, चित्र, ग्राफ,टेबिल, विडियो क्लिप, ध्वनि आदि को जोड़ा जा सकता है।

Handouts– हैंडआउट्स आपके द्वारा तैयार की गयी स्लाइड्स का ही एक छोटा–सा प्रिंटआउट अथवा छपा हुआ रूप होता है । प्रजेंटेशन को अधिक आकर्षक बनाने के लिए हम अपने श्रोताओं तथा दर्शकों हेतु हैंडआउट्स तैयार करते हैं। एक ही पेज पर दो, तीन या छः स्लाइड्स का हैंडआउट लिया जा सकता है। इन हैंडआउट्स पर आवश्यकतानुसार कंपनी का नाम, दिनांक, पेज नंबर भी दिया जा सकता है।

Speaker Notes– हम अपने प्रजेंटेशन में वक्ता द्वारा तैयार किये गये संदेश को भी डाल सकते हैं तथा इस संदेश को प्रिंट भी करा सकते हैं। यह संदेश प्रस्तुति को प्रदर्शित करते समय स्पष्टीकरण में मददगार होता है।

Outline– अपने प्रजेंटेशन पर कार्य करते हुए हमारे पास प्रजेंटेशन को आउटलाइन के साथ प्रिंट कराने का भी विकल्प होता है।

स्प्रेडशीट

गणनाओं तथा वित्तीय योजनाओं के लिए कंप्यूटर पर प्रयुक्त होने वाले सॉफ्टवेयर में एम.एस. एक्सेल एवं Tally प्रमुख हैं । एम.एस. एक्सेल एक स्प्रेडशीट प्रोग्राम है, जिसका उपयोग Windows Operating System पर किया जाता है। Excel के अलावा स्प्रेडशीट पैकेज के अन्य उदाहरण हैं– Lotus 1–2–3, Quattropro, Visicalc आदि ।

Visicalc सबसे पहला स्प्रेडशीट पैकेज था।

एम.एस. एक्सेल में बनायी गयी फाइलों को वर्कबुक कहा जाता है। एक वर्कबुक में कई वर्कशीट होती हैं एवं प्रत्येक वर्कशीट रो तथा कॉलम में विभाजित होती है। Rows and Columns की संख्या निश्चित होती है । Row 1 से 65536 तक होती है। इसी के समान प्रत्येक Column को उसके लेबल द्वारा पहचाना जाता है । Column Labels A से IV तक होते हैं। एक्सेल में कुल 65536 Rows एवं 256 Columns होते हैं। Row एवं Column एक–दूसरे को जहाँ काटते हैं वहाँ Cell का निर्माण होता है। एक्सेल में डाटा Cells में ही टाइप किया जाता है। वह Cell जिसमें डाटा टाइप किया जा रहा है, Current Cell कहलाता है। इसे Cell Pointer द्वारा Active किया जाता है । MS–Excel XP एवं MS–Excel के नवीनतम संस्करण हैं । वर्तमान में इनका प्रयोग Report तैयार करने या Analysis करने हेतु किया जाता है।

MS–Excel की विशेषताएं या गुणधर्म–

MS–Excel, वर्कबुक बनाने हेतु अनेक सुविधाएं प्रदान करता है जो टाइप किए गये डाटा को Manage करने में यूजर की सहायता करता है।

Graphical User Interface – एम.एस. एक्सेल यूजर को Graphical User Interface प्रदान करता है, जिससे यूजर को किसी कार्य को करने के लिए कमांड या उसका Syntax रखने की आवश्यकता नहीं होती है। एक्सेल में कार्य करने के लिए सभी विकल्प मेन्यूबार या टूलबार पर उपलब्ध होते हैं।

पुनर्गणना की आवश्यकता नहीं– एक्सेल में गणना हेतु सूत्रों का उपयोग किया जाता है। सत्रों में उपयोग में ली गयी संख्या को बदलने पर पुनः गणना करने की जरूरत नहीं होता है जिससे यूजर के समय की बचत होती है।

संपादन– एक बार वर्कबुक तैयार हो जाने पर भी अगर आवश्यकता हो तो एक्सेल डाटा में परिवर्तन किया जा सकता है। Editing के दौरान आप नया डाटा टाइप कर सकते हैं, पुराना डाटा Delete कर सकते हैं आदि ।

फॉरमेटिंग– एक्सेल भी MS–Word की तरह वर्कबुक को आकर्षक बनाने हेतु फॉरमेटिंग की सुविधा प्रदान करता है।

डाटाबेस– इसमें सूचना को एक लिस्ट का रूप देकर डाटा पर आधारित क्रियायें की जाती हैं।

चार्ट बनाना– एक्सेल डाटा को चित्रात्मक रूप में भी प्रदर्शित किया जा सकता है। Chart डाटा को पढ़ने में समझने में अधिक सरल बना देता है। एक्सेल में हम कई तरह के चार्ट बना सकते हैं; जैसे–पाई, कॉलम, बार, राडार चार्ट आदि।

Function Wizard– एक सामान्य यूजर के लिए Functions का इस्तेमाल थोड़ा कठिन होता है । इसजिए इसे सरल बनाने के लिए एक्सेल Function Wizard की सुविधा प्रदान करता है।

डाटाबेस

डाटाबेस दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है डाटा का प्रबंधन या रख–रखाव । डाटा कुछ भी हो सकता हैं । उदाहरण के लिए; नंबर, व्यक्ति का नाम, पता, शहर आदि।

डाटा को प्रोसेस करने पर हमें इनफॉर्मेशन मिलती है जो कि किसी भी प्रतिष्ठान हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। डाटा को कंप्यूटर में आंकड़ों के रूप में संग्रहित किया जाता है। इसलिए हम कह सकते हैं कि “Database व्यवस्थित आंकड़ों का संकलन है।”

इस डाटाबेस को व्यवस्थित करने के लिए DBMS (एक प्रकार का सॉफ्टवेयर) का प्रयोग किया जाता है । DBMS (Database Management System) का प्रयोग डाटाबेस को व्यवस्थित करने अर्थात् उसमें नये रिकॉर्डस को जोड़ने, संग्रहित रिकॉर्डस में से कुछ को हटाने रिकॉर्डस के Structure में संशोधन करने में एवं उन्हें किसी क्रम (घटते हुए अथवा बढ़ते हुए) में व्यवस्थित करने में, रिपोर्ट तैयार करने आदि में किया जाता है।

डाटाबेस फाइल के निम्नलिखित भाग होते हैं–

(1) Field, (2) Record, (3) Table Name, (4) Field Name

(1) Field– किसी डाटाबेस टेबिल पर एक कॉलम जिसमें एक ही तरह का डाटा उपस्थित हो, फील्ड कहलाता है, जैसे–Students Table में कुल चार फील्ड Roll No., Name, Address, DOB उपस्थित हैं।

(2) Record– डाटाबेस टेबिल की एक पंक्ति (Row) की सूचना जो कई फील्ड्स से मिलकर बनी है । उपरोक्त टेबिल में 4 रिकार्डस उपस्थित हैं।

(3) Table Name– डाटाबेस टेबिल की फाइल का नाम उदाहरणतया उपरोक्त डाटाबेस टेबिल का नाम STUDENT है।’

(4) Field Name– Field के शीर्षक को फील्ड नेम कहते हैं।

Foxpro क्या है?

फॉक्सपो पी.सी. के लिए एक DBMS है । यह Foxbase + का संशोधित संस्करण है |

सन् 1979–80 में सर्वप्रथम DBMS सॉफ्टवेयर ऐस्टन–टेट ने विकसित किया था, जिसका नाम dBASE था। इसके बाद कंपनी ने दूसरा संस्करण 1984 में दिया जिसका नाम dBASE III था। इसके बाद dBASE के जो संस्करण आये वे थे–dBASE + और dBASE IV । इसके बाद माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन ने इसके संस्करण विकसित किये जो निम्न है –

(1) FoxBase

(2) FoxBase +

(3) FoxPro

(4) FoxPro 2.0

(5) FoxPro 2.5

(6) FoxPro 2.6

(7) Microsoft Visual FoxPro 6.0

माइक्रोसॉफ्ट FoxPro के ये संस्करण डॉस (DOS) विंडोज (Windows) एवं यूनिक्स (Unix) आदि ऑपरेटिंग सिस्टम में चलने योग्य हैं।

FoxPro को RDBMS (Relational Database Management System) भी कहते हैं। RDBMS एक ऐसी प्रणाली है जिसमें कि कई संबंधित डाटाबेस को प्रबंधित किया जा सकता है। FoxPro में निम्न कार्य सुविधापूर्वक किये जा सकते हैं–

(1) FoxPro में डाटाबेस फाइल/टेबिल सरलतापूर्वक तैयार की जा सकती है, उस टेबिल का नाम बदला जा सकता है । टेबिल के Structure में परिवर्तन किया जा सकता है एवं टेबिल को स्थायी रूप से हटाया भी जा सकता है।

(2) डाटाबेस टेबिल में रिकॉर्डस जोड़े जा सकते हैं, संग्रहित रिकॉर्डस में से कुछ को हटाया जा सकता है एवं उन्हें किसी क्रम (घटते हुए अथवा बढ़ते हुए) में व्यवस्थित करके स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जा सकता है।

(3) डाटाबेस में संग्रहित डाटा के बारे में Query तैयार की जा सकती है एवं Query द्वारा चुने हुए रिकॉर्डस एवं फील्ड्स को स्क्रीन पर दिखाया जा सकता है |

(4) रिपोर्टस तैयार की जा सकती है।

(5) अंकगणितीय तथा वैज्ञानिक गणनाएं की जा सकती हैं।

फॉक्सप्रो के अतिरिक्त प्रयोग में आने वाले अन्य डाटाबेस निम्नलिखित हैं–

(1) MS–Access, (2) Oracle, (3) SQL Server

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