B Ed Ek Vidhyalay Vishay Ka Shikshan-2

शिक्षण व्यहरचना का अर्थ इंग्लिश जैम शब्दकोष के अनुसार ‘नीति’ अथवा ‘स्ट्रेटेजी’ शब्द का अर्थ युद्ध

अध्यापक की विद्वत्ता, विषय पर अधिकार तथा उसमें व्यावसायिक योग्यता होते हुए

शिक्षण प्रतिमान का अर्थ एवं परिभाषाएं शिक्षण प्रतिमान आंग्ल भाषा के टीचिंग

संप्रत्यय उपलब्धि प्रतिमान का विकास जे.एस. बूनर एवं उसके सहयोगिया न किया।

प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक डेविड आसुवेल ने इस प्रतिमान का विकास किया । यह

रिजर्ड सचमैन पूछताछ प्रशिक्षण प्रतिमान : इस प्रतिमान के प्रवर्तक रिचर्ड सचमैन

इस प्रतिमान में छात्रों के व्यवहार परिवर्तन को अधिक महत्त्व दिया जाता

अन्त: क्रिया विश्लेषण का अर्थ : 1. कक्षा के अन्तर्गत शिक्षक व

सीमुलेशन अथवा पात्र अभिनय क्या है? सीमुलेशन का तात्पर्य है बनावटीपन कुछ

शिक्षण के मनोवैज्ञानिक सिद्धान्त : बालकों के मनोविज्ञान को ध्यान में रखते

आधुनिक तकनीकी साधनों द्वारा शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में निभाई जाने वाली भूमिका

शिक्षण में आधुनिक तकनीकी के उपयोग : आधुनिक तकनीकी साधनों द्वारा शिक्षण

अथवा एडगर डेल के अनुभवों का मनोवैज्ञानिक उपयोग समझाइये। एडगर त्रिकोण का

इन्द्रियाँ ज्ञान का द्वार कहलाती हैं शिक्षण – अधिगम के इस बहु

माइक्रो या सूक्ष्म शिक्षण का अर्थ है, लघु कक्षा, लघु पाठ –

प्राचीन काल से यह धारणा रही है कि शिक्षक बनाए नहीं जा

सूक्ष्म शिक्षण की परिभाषाएं : सूक्ष्म शिक्षण के जन्मदाता डी एलेन (1966)

सूक्ष्म शिक्षण की विशेषताएं निम्नलिखित हैं – (1) सूक्ष्म शिक्षण में शिक्षण

सूक्ष्म – शिक्षण की अवधारणायें निम्नलिखित हैं – (1) सूक्ष्म शिक्षण एक

सूक्ष्म – शिक्षण के प्रशिक्षण विधि के रूप में निम्नलिखित लाभ हैं

सूक्ष्म शिक्षण के पदों का विवरण इस प्रकार है – (1) विशिष्ट

सूक्ष्म चित्रण को चित्र द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है –

भारतीय प्रतिमान के अनुसार सूक्ष्म शिक्षण चक्र की अवधि को निम्नांकित प्रकार

रतीय शिक्षा शास्त्री बी.के. पासी (1975) ने अपने अध्ययन के आधार पर

इस शिक्षण कौशल को पाठ प्रारम्भ कौशल अथवा विन्यास प्रेरणा कौशल कहते

कक्षा – 6 विषय – विज्ञान प्रकरण – सजीव जगत समय – 3 मिनट शिक्षक हम सभी किस प्रकार

आदि काल से ही मानव जिज्ञासा की सन्तुष्टि प्रश्न – उत्तर से

कक्षा – 5 विषय – भूगोल प्रकरण – परिवहन के साधन समय – 10 मिनट शिक्षक पुराने जमाने में लोग यात्रा

शिक्षक जब कक्षा में पाठ के विकास के लिए प्रश्न पूछता है

व्याख्यान कौशल – शिक्षक अपने शिक्षण में सबसे अधिक व्याख्यान द्वारा अपने विचारों

विषय – विज्ञान प्रकरण – जल प्राप्ति के साधन कक्षा – 7 समय – 10 मिनट शिक्षक पानी के कौन – कौनसे साधन

शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में बहत से तथ्य/संप्रत्यय/नियम अथवा सिद्धान्त ऐसे होते ह

विषय – अर्थशास्त्र कक्षा – 9 समय – 8 मिनट प्रकरण – मॉग का नियम शिक्षक गर्मी के दिनों में

शिक्षण में प्रत्यय तथा तथ्यों का स्वरूप अमूर्त होने पर उनका बोध

विषय – भूगोल कक्षा – 8 समय – 10 मिनट प्रकरण – तारा एवं ग्रह शिक्षक पृथ्वी एक ग्रह है, अन्य ग्रहों के

मौन एवं अशाब्दिक संकेत : साधारणतः देखा गया है कि कक्षा में

विषय – हिन्दी कक्षा – 3 समय – 5 मिनट प्रकरण – लोमड़ी एवं अंगूर की कहानी शिक्षक आओ बच्चों आज तुम्हें

आदिकाल से ही अध्यापक व्याख्यान द्वारा अपनी बात छात्रों को समझाता रहा

कौशल – व्याख्यान कौशल कक्षा – 8वीं विषय – हिन्दी (पद्य) प्रकरण – कवि दिनकर की कविता ‘शक्ति और छाया’ समय – 10 मिनट

पुनर्बलन प्रदान करने का कौशल शिक्षण – अधिगम प्रक्रिया को प्रभावशाली तथा

विषय – भूगोल कक्षा – 9 समय – 10 मिनट प्रकरण – सूर्य तथा चन्द्र ग्रहण शिक्षक ग्रहण क्यों पड़ते हैं?

शिक्षण की सफलता का एक महत्त्वपूर्ण लाभ यह है कि शिक्षक छात्रों

कक्षा – 8 विषय – विज्ञान प्रकरण – इन्द्रधनुष का निर्माण समय – 10 मिनट शिक्षक क्या तुमने इन्द्र धनुष देखा

श्यामपट्ट उपयोग – कक्षा अध्यापन में दृश्य साधन रूप में श्यामपट्ट ही सर्वाधिक

कौशल – श्यामपट्ट कार्य कौशल कक्षा – 9वीं विषय – गणित (बीजगणित) प्रकरण – (a + b)2 समय – 10 मिनट शिक्षक a

अध्यापक क्रिया अपने आप में सम्प्रेषण प्रक्रिया पर आधारित है। यहाँ सम्प्रेषण

इस कौशल का अलग से अभ्यास करने की आवश्यकता नहीं है ।

अध्यापक कक्षा में पढ़ाते समय कथन, व्याख्या अथवा भाषण देता है। अध्यापक

कक्षा – 7 विषय – नागरिक शास्त्र प्रकरण – भारत में राज्यों की स्थिति समय – 10 मिनट शिक्षक बच्चों, आज हम

अध्यापक यदि पाठ का प्रारम्भ भली प्रकार करता है तो उसके पाठ

विषय – भूगोल कक्षा – 8 समय – 7 मिनट पाठ – भारत की जनसंख्या में वृद्धि शिक्षक सन् 1981 में भारत की

छोटी कक्षाओं में अध्यापक नियोजित पुनरावृत्ति का बहुत उपयोग करते हैं विशेषतया

पाठ – समापन पाठ की सफलता के लिए जितना यह आवश्यक है

कक्षा – 6 विषय – हिन्दी व्याकरण प्रकरण – संज्ञा समय – 10 मिनट शिक्षक श्यामपट्ट पर निम्न शब्द लिखता है –

विषय – हिन्दी व्याकरण कक्षा – 7 समय – 5 मिनट प्रकरण – संज्ञा शिक्षक ने छात्रों को संज्ञा, उसकी परिभाषा, उसे

कुशल कक्षा अध्यापन हेतु यह आवश्यक – सा हो जाता है कि

कक्षा प्रबन्ध कौशल : कक्षा में जब तक उचित वातावरण एवं अधिगम

प्रशिक्षुता वह अवधि है जो प्रशिक्षणार्थी द्वारा क्षेत्र में प्रवेश करने से

अध्यापक किसी एक शिक्षण परिस्थिति में सभी प्रकार के कौशलों को किसी

शिक्षण कौशलों को एकीकृत करने की निम्नलिखित दो विधियाँ हैं : (1)

शिक्षक की योग्यता एवं ज्ञान को वितरण करना दोनों बातें अलग –

जब से अध्यापन को एक संपूर्ण प्रक्रिया की बजाय विभिन्न अध्यापन कौशल्य

अंग्रेजी में एक कहावत है कि अच्छा प्रारंभ हो तो आधा काम

आदि काल से ही मानव जिज्ञासा की संतुष्टि प्रश्न उत्तर से ही

कई बार अध्यापक जब कक्षा में प्रश्न पछता है तो या तो

दैनिक जीवन में हम लोगों को विभिन्न विचारों अथवा घटनाओं की व्याख्या

बालकों को कई बार अमूर्त विचारों या संप्रत्यय के विषय में समझाना

अध्यापन की सफलता का एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि अध्यापक छात्रों

कक्षा में छात्रों को पाठ के विकास में सहयोग देने तथा सक्रिय

आदिकाल से ही अध्यापक व्याख्यान द्वारा अपनी बात छात्रों को समझाता रहा

शिक्षण के सिद्धांत : (1) करके सीखने का सिद्धांत – बालक स्वभाव से

विभिन्न प्रकार की शिक्षण नीतियों का वर्णन इस प्रकार है – 1.

शिक्षण की सामान्य प्रविधियाँ वे माध्यम हैं जिनसे पाठ का प्रारंभ, विकास

शिक्षण मशीन : प्रोफेसर एस.एल. प्रेमी को शिक्षण मशीन का प्रवर्तक माना

आधुनिक तकनीकी साधनों द्वारा शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में निभाई जाने वाली भूमिका

शिक्षण में आधुनिक तकनीकी के उपयोग : आधुनिक तकनीकी साधनों द्वारा शिक्षण

शिक्षण एक सतत क्रियाएं : स्मरण करना का शिक्षण ‘विचारहीन’ होता है

शिक्षण की अवस्थाएं शिक्षण में क्रियाओं का विशेष महत्त्व है क्योंकि यह

विद्यालयों में कई प्रकार के शिक्षक मिलते हैं। कुछ बहुत प्रभावशाली तो