उद्दीपन परिवर्तन कौशल पर एक सूक्ष्म पाठ योजना बनाइए।

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कक्षा – 8

विषय –  विज्ञान

प्रकरण –  इन्द्रधनुष का निर्माण

समय –  10 मिनट

शिक्षक            क्या तुमने इन्द्र धनुष देखा है ?

छात्र                 जी हाँ, सर।

शिक्षक            इन्द्रधनुष की आकृति कैसी होती है?

छात्र                 कोई प्रत्युत्तर नहीं।

शिक्षक            यह एक धनुष जैसी ही होती है। (अध्यापक धनुष की आकृति को हाथों की सहायता से दर्शाने की कोशिश करता है और श्यामपट्ट की ओर बढ़ता है।) वह श्यामपट्ट पर धनुष लिखता है और धनुष की आकृति बनाता है और फिर कहता है कि यह वर्षा की ऋतु में वर्षा होने से पहले या बाद में इस प्रकार प्रकट होता है । (हाव – भाव, संकेत, दृश्य – श्रव्य विधि आदि अपनाता है) (विराम) आज हम इन्द्रधनुष्य बनने की क्रिया यानी इन्द्र धनुष कैसे बनता है, के बारे में अध्ययन करेंगे (विराम)

तुम लोग प्रकाश विक्षेपण के नियम का तो पहले ही अध्ययन कर चुके हो। जब प्रकाश की किरण एक प्रिज्म के माध्यम से गुजरती है तो वह सात रंगों (वर्णों) में बँट जाती है। ये रंग कौन – कौनसे हैं? (अन्योन्य क्रिया के स्वरूप में परिवर्तन)

छात्र                 ये रंग हैं – बैंगनी, जामनी, हरा, नीला, संतरी, पीला और लाल।

शिक्षक            अच्छा, इन्द्रधनुष का निर्माण प्रकाश के विक्षेपण के नियम पर आधारित है (अध्यापक श्यामपट्ट के पास जाता है और उस पर प्रकाश का विक्षेपण शब्द लिखता है।संचलन, दृश्य – श्रव्य परिवर्तन)। अध्यापक वापस अपने पूर्व स्थान पर आ जाता है।

यह तो तम जानते ही हो कि हवा में जल – वाष्प होते हैं (अध्यापक फिर श्यामपट्ट पर जाता है और वाष्प’ शब्द लिखकर उस पर जोर देने के लिए उसके नीचे रेखा खींच देता है) (संचलन, दृश्य – श्रव्य परिवर्तन और ध्यान केन्द्रण) ये वाष्प वायु में कैसे निलम्बित/लटके रहते हैं ? (अन्योन्य क्रिया के स्वरूप में परिवर्तन)।

छात्र                  वायु में धूल के कण होते हैं, जलवाष्प इन धूल कणों पर बैठ जाते हैं और इस प्रकार वायु में निलम्बित रहते हैं।शिक्षक            वर्षा होने के तुरंत बाद, यदि सूर्य चमकता है तो वायु में निलंबित ये जलवाष्प प्रिज्म के रूप में काम करते हैं। सूर्य की किरणें इन वायु में निलम्बित वाष्पों के माध्यम से गुजरती हैं, (अध्यापक इन वायु में निलम्बित वाष्पों पर बल देता है और अपने हाथों और उंगलियों को हिलाकर यह दर्शाता है कि इन निलम्बित जलवाष्पों के माध्यम से सूर्य की किरणें कैसे गुजरती हैं) (कंठध्वनि (आवाज) और भंग विक्षेप में परिवर्तन)

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