सूक्ष्म शिक्षण के पदों का विवरण करें।

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सूक्ष्म शिक्षण के पदों का विवरण इस प्रकार है –

(1) विशिष्ट कौशलों को परिभाषित करना – इसमें किसी एक विशेष कौशल को परिभाषित कर उसका ज्ञान छात्र–अध्यापक को कराया जाता है कौशल के साथ – साथ उन उद्देश्यों से भी अवगत कराया जाता है जिनको उस कौशल के माध्यम से प्राप्त किया जाता है ।

(2) कौशल का प्रदर्शन – सूक्ष्म शिक्षण पाठों के माध्यम से कौशल का प्रदर्शन प्रशिक्षक स्वयं करता है।

(3) लघु पाठ – योजना का निर्माण करना – इसके अन्तर्गत छात्र – अध्यापक किसी एक विशिष्ट कौशल का उपयोग करते हुए लघु पाठ – योजना तैयार करता है।

(4) लघु पाठ – योजना का अध्यापन – छात्र अध्यापक विद्यार्थियों के छोटे समूह को पढ़ाता है। छात्र – अध्यापक का निरीक्षण करता है और शिक्षण कार्य का वीडियो बनाता है । अध्यापक के अतिरिक्त साथी छात्र – अध्यापक भी निरीक्षण करते हैं।

(5) प्रतिपुष्टि का पृष्ठपोषण – छात्र – अध्यापक के शिक्षण – कार्य समाप्त होने पर उसके बारे में विचार – विमर्श किया जाता है। विश्लेषण के पश्चात जो सूचनायें या सुझाव दिये जाते हैं उसे प्रतिपुष्टि या पृष्ठपोषण कहते हैं।

(6) पुन: नियोजन – प्रतिपुष्टि के आधार पर छात्र – अध्यापक पाठ की पुन: योजना बनाता है जिसमें वह उन त्रुटियों को दूर करने का प्रयास करता है।

(7) पुन: शिक्षण – छात्र – अध्यापक पुनः नियोजित पाठ का पुनः शिक्षण करता है।

(8) पुनः मूल्यांकन करना – अध्यापक व छात्र – अध्यापक के साथियों द्वारा पुनः मूल्यांकन किया जाता है।

इस प्रकार बार – बार पाठ को नियोजित करने, बार – बार शिक्षण करने तथा बार – बार मूल्यांकन करने या प्रतिपुष्टि प्रदान करने का चक्र तब तक चलता रहता है जब तक वह छात्र अध्यापक उस शिक्षण कौशल में पारंगत नही हो जाता और उस कौशल के उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर लेता।


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