नियोजित पुनरावृत्ति से क्या अभिप्राय है? इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालिए।

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छोटी कक्षाओं में अध्यापक नियोजित पुनरावृत्ति का बहुत उपयोग करते हैं विशेषतया गुणा के पहाड़े और अंग्रेजी शब्दों के अक्षर विन्यास के लिए इसका उद्देश्य होता है, कठिन व नीरस अंशों को भली प्रकार समझाना व याद कराना। उच्च कक्षाओं में भी अध्यापक को पुनरावृत्ति का उपयोग कर अपने पाठ को प्रभावी बनाना आना चाहिए । इस कौशल का उपयोग मुख्य विचार, प्रमुख शब्द सिद्धान्त या संप्रत्यय की व्याख्या या स्पष्टीकरण करने और उनके प्रबलन हेतु होता है । इस कौशल द्वारा भिन्न दृष्टिकोणों के आधार पर प्रमुख बिन्दुओं की व्याख्या की जाती है।

नियोजित पुनरावृत्ति के घटक व उनकी उपयोगिता इस प्रकार है –

(1) पुनरावृत्ति मुख्य विचार के स्पष्टीकरण के लिए की जाती है ।

(2) पुनरावृत्ति का उद्देश्य कहे गये विचार के प्रबलन के लिए होता है । इससे विचार पर ध्यान केन्द्रित होता है।

(3) सिद्धान्त या प्रत्यय को अधिक स्पष्ट याद कराने के लिए दोहराया जाता है।

(4) मुख्य शब्द/विचार की व्याख्या के लिए कभी – कभी उसका दोहराया जाना आवश्यक होता है।

(5) किसी बिन्दु पर ध्यान केन्द्रित कराने के लिए भी दोहराना श्रेयस्कर होता है।

(6) किसी विचार के एक पक्ष की व्याख्या के बाद दूसरे पक्ष पर विचार करने के लिए उसे दोहराना पड़ता है।

(7) कभी – कभी शिक्षक अनावश्यक होते हुए भी पुनरावृत्ति करता है ऐसी स्थिति में भ्रम उत्पन्न होता है और छात्र स्पष्टतया कही गई बात नहीं समझ पाता। कभी – कभी शिक्षक बहुत लम्बी पुनरावृत्ति करता है जो पाठ के प्रभाव को कम करता है व छात्र बोध में गतिरोध उत्पन्न करता है।

इस कौशल की पर्यवेक्षण अनुसूची व आवृत्ति अंकन की मूल्यांकन सूची इस प्रकार है –

(प्रत्येक घटक की प्रति मिनट आवृत्ति का अंकन उसके आगे टैली लगाकर किया जाये।)

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