ऐसे उभरते हुए क्षेत्रों की पहचान कीजिए जिन्हें पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाना चाहिए।

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वर्तमान समय में ऐसे अनेक उभरते हुए क्षेत्र हैं जिन्हें पाठयचर्या में सम्मिलित किया जा सकता है जैसे जनसंख्या शिक्षा, प्रदूषण, व्यवसायिक शिक्षा, सामाजिक स्वास्थ्य शिक्षा, ड्रग निरोध, यौन शिक्षा, अंर्तसांस्कृतिक संबंध आदि। हम इनमें से कुछ क्षेत्रों को पाठयचर्या में सम्मिलित किए जाने के लिए तर्काधार सहित विवेचन प्रस्तुत कर रहे हैं।

(1) जनसंख्या शिक्षा- आज जनसंख्या विस्फोट विश्व की प्रमुख समस्याओं में से एक है। हम भारत में जनसंख्या विस्फोट के परिणामस्वरूप गरीबी, अशिक्षा, निम्न जीवन स्तर, बेरोजगारी, पिछड़ापन आदि समस्याएँ देख सकते हैं। इसलिए पाठ्यचर्या में जनसंख्या शिक्षा को सम्मिलित किया जाना परमावश्यक है ताकि विद्यार्थी जनसंख्या विस्फोट के कारण व इसे दूर करने के उपायों को भलीभांति समझ सकें।

(2) व्यावसायिक शिक्षा- बेरोजगारी भारत की अन्य सबसे प्रमुख समस्या है। प्रत्येक शिक्षित युवा सरकारी नौकरी प्राप्त करना चाहता है। भारत की युवा जनसंख्या अनेक समस्याओं का सामना कर रही है इसलिए उनको अध्ययन स्तर पर व्यावसायिक शिक्षा देना अत्यन्त आवश्यक है ताकि वे शिक्षा पूर्ण करने के बाद स्वरोजगार के प्रति उन्मुख हो सकें।

(3) प्रदूषण- आधुनिक युग की सर्वाधिक खतरनाक समस्या प्रदूषण है। विद्यार्थियों को इस समस्या के कारणों एवं इससे छुटकारा पाने के उपायों के प्रति जागरूक बनाया जाना अपेक्षित है इसलिए प्रदूषण संबंधी शिक्षा को पाठ्यचर्या में सम्मिलित किया जाना चाहिए।

(4) सामाजिक स्वास्थ्य शिक्षा- हमारे युवा अपनी स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों के बारे में अनभिज्ञ हैं इस कारण से अनेक अस्वास्थ्यकर आदतों को निर्माण कर लेते हैं। उन्हें पाठ्यचर्या के माध्यम से सामाजिक स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा देना अत्यन्त आवश्यक है।

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