दक्षता आधारित पाठ्यक्रम से आप क्या समझते हैं?

Estimated reading: 1 minute 55 views

पाठ्यक्रम के साथ निम्न वर्गों में दक्षता पर ध्यान देना जरूरी है :

1. पाठ्य-सामग्री विषयक दक्षता- शिक्षक अपने विषय के विवरण एवं उनसे संबंधित तथ्यों पर ही ज्यादा ध्यान देते हैं। लेकिन हमें यह भी ध्यान देना चाहिए कि प्रत्येक विषय का एक विशिष्ट आन्तरिक गठन अथवा ढांचा होता है जिसमें तथ्य ही नहीं अवधारणाएँ तथा अन्य अनेक बारीक बातें भी सम्मिलित होती है। ये अवधारणाएँ भी परस्पर संबंधित होती हैं तथा उनके आपसी संबंधों को प्राय: नियमों, सिद्धान्तों अथवा विधि के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है। इन अवधारणाओं का शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया में काफी महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि इन्हें समझ लेने पर संबंधित विषय को ज्यादा गहराई से समझ पाना सरल हो जाता है।

2. अन्य शैक्षणिक गतिविधियों से जुड़ी दक्षता- पाठ्यक्रमोत्तर गतिविधियाँ अनुभव से सीखने के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराती हैं। विद्यालय के भीतर अथवा बाहर विभिन्न पाठ्यक्रमोत्तर गतिविधियों के द्वारा जो भावनात्मक परिपक्वता तथा मनोदैहिक कौशल विद्यार्थी प्राप्त करता है, उससे बच्चे के व्यक्तित्व के संतुलित विकास में सहायता मिलती है। इसीलिए विभिन्न तरह की प्रतियोगिताओं,खेलों,सामूहिक गतिविधियों, नाटक, संगीत इत्यादि के आयोजन का महत्व है। इन गतिविधियों के द्वारा न केवल अध्यापक तथा विद्यार्थी के बीच घनिष्ठ संपर्क स्थापित होता है, वरन् अध्यापकों को अपने विद्यार्थियों में जीवन मूल्यों के विकास की प्रक्रिया को करीब से निरीक्षण करने का मौका भी मिलता है।

3. शिक्षण सामग्री तैयार करने संबंधी दक्षता- इसमें कोई संदेह नहीं कि शिक्षण अधिगम सामग्री की उपलब्धता से अध्यापक को अपने दायित्वों के निर्वाह में काफी सहायता मिलती है। पर कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है, जब पहले से उपलब्ध सामग्री बहुत उपयोगी नहीं होती। कई बार तो शिक्षण सामग्री उपलब्ध ही नहीं होती। इन परिस्थितियों में अध्यापक से यह अपेक्षा रहती है कि वह विभिन्न स्त्रोतों से उपयोगी सामग्री जुटाए। स्वयं तैयार की गई सामग्री कक्षा के भीतर शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया को सही मामले में अर्थपूर्ण, प्रासंगिक तथा दीर्घकालीन बनाने का सर्वाधिक कारगर तरीका है।

Leave a Comment

CONTENTS