बाल केन्द्रित पाठ्यक्रम से आप क्या समझते हैं ?

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आजकल शिक्षा का पाठ्यक्रम बालकेन्द्रित हो गया है। अत: बालक की रुचियों के विकास तथा मनोवृत्तियों में ऐच्छिक परिवर्तन की विचारधारा से शैक्षिक तकनीकी की ज्यादा उपयोगिता है। वास्तव में शैक्षिक तकनीकी से बहुत लाभ हुआ है। बालकों की प्रकृति, रुचि तथा आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर जो पाठ्यक्रम तैयार किये जाते हैं, वे बालकेन्द्रित पाठ्यक्रम होते हैं। उनमें विषयों को महत्व न देकर बालकों को महत्त्व दिया जाता है। बालक के व्यक्तित्व संबंधी सम्पूर्ण विकास हेतु उसकी आवश्यकताओं तथा रुचियों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। मनोविज्ञान भी इसी बात की पुष्टि करता है एवं विशेष ध्यान देता है। एम.सी. जेम्स ने अपने विचारों की अभिव्यक्ति करते हुए लिखा है कि “बालकेन्द्रित पाठ्यक्रम वह पाठ्यक्रम है, जो पूर्णतः तथा समग्र रूप से सीखने वाले में सन्निहित है।” इसके अलावा आजकल विद्यालयों में प्रचलित सभी शिक्षण पद्धतियाँ उपरोक्त तरह के पाठ्यक्रम पर बल देती हैं।

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