फाइल सिस्टम

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  • यह एक संरचना है। जिसके अंतर्गत फाइलों को नाम दिया जाता है। यह फाइल कई माध्यमों से बनायी जाती है। इन्हें तार्किक रूप से स्टोर करके पुन: प्राप्त किया जा सकता है।
  • बिना फाइल सिस्टम के ऑपरेटिंग सिस्टम में फाइलों को स्टोर करना तथा उन पर कार्य करना असंभव सा होता है।
  • यह फाइल निम्न स्तर से प्रदर्शित होती है।
  1. बिट:- डेटा का सबसे छोटा भाग बाइनरी डिजिट (बिट) होता है, या तो 0 या 1 ।
  2. कैरेक्टर:- कैरेक्टर (या बाइट) कई संबंधित बिट का समूह होता है। बिट प्राइमरी और सैकण्डरी स्टोरेज का मुख्य यूनिट होता है और कैरेक्टर मनुष्य की समझ का मुख्य  यूनिट होता है।
  3. फील्ड (क्षेत्र):- फील्ड कई संबंधित कैरेक्टरों का समूह होता है। उदाहरण के लिए एक कर्मचारी के नाम का, कार्य किए घंटों का, घंटों के हिसाब से वेतन का, टैक्स रेज कटने का इत्यादि। फील्ड संबंधित कैरेक्टरों का अर्थपूर्ण संग्रह है।
  4. रिकॉर्ड :- रिकॉर्ड कई संबंधित क्षेत्रों का संग्रह है। उदाहरण के लिए एक कर्मचारी के रिकॉर्ड में उसके डेटा के क्षेत्र (फील्ड) होते हैं, जैसे कर्मचारी का कोड, नाम,  वेतन दर कटौती इत्यादि।
  5. फाइल:- फाइल कई संबंधित रिकॉर्डों का समूह है। उसी तरह, कंपनी के सभी विस्तृत रिकॉर्डों का समूह इंवेंटरी फाइल बनाता है।
  6. डेटाबेस :- डेटाबेस कई संबंधित फाइलों का समन्वय होता है। उदाहरण के लिए, एक संस्था के कर्मचारी डेटाबेस में उसके कई कर्मचारियों की फाइलों का समन्वय होगा, जैसे कि कर्मचारी वेतन फाइल जिसमें सभी कर्मचारियों का वेतन कार्य टैक्स की जानकारी होगी, कर्मचारी व्यक्तिगत जानकारी फाइल (जिसमें लिंग, पता इत्यादि) और कर्मचारियों की कार्य शैली फाइल जिसमें सभी कर्मचारियों की विभिन्न प्रकार की कार्य शैली होगी। सार में डेटाबेस कई फाइलों से निचोड़ा गया एक लॉजिकलपूर्ण संबंधित डेटा का समन्वय होता है।

फाइल के प्रकार

डेटा फाइलों को एप्लीकेशन जिस प्रकार उन्हें प्रयोग करती है, उसके आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।

  1.  ट्रॉजेक्शन (Transaction) फाइल:- इनपुट डेटा को तब तक स्टोर करती है, जब तक वह प्रोसेस न हो जाए। उदाहरण के लिए, कर्मचारियों की मासिक पेस्लिप बनाने के लिए पेरोल एप्लीकेशन में उस, माह की ट्रॉजेक्शन फाइल में हर कर्मचारी का उस महीने का डेटा होता है।
  2. मास्टर (Master) फाइल :- मास्टर फाइल में उस एप्लीकेशन से संबंधित सभी आवश्यक डेटा होता है। उदाहरण के लिए, ऊपर दी गई पेरोल एप्लीकेशन में, मास्टर फाइल में हर कर्मचारी का स्थायी विवरण, (नाम, पता, कोड, वेतन दर, टैक्स दर इत्यादि) होता है
  3. आउटपुट फाइल:- कुछ एप्लीकेशन डेटा प्रोसेसिंग के लिए कई प्रोग्रामों का प्रयोग करती हैं। ऐसी एप्लीकेशनों में एक प्रोग्राम द्वारा उत्पन्न आउटपुट दूसरी प्रोग्राम में इनपुट के रूप में  दिया जाता है।
  4. रिपोर्ट फाइल:- रिपोर्ट फाइल डेटा प्रोसेसिंग फाइल द्वारा उत्पन्न रिपोर्ट की एक कॉपी कम्प्यूटर ऐक्सेसिबल रूप में स्टोर करता है। रिपोर्ट फाइलों को आवश्यकता  पड़ने पर प्रिंट कर हार्ड कॉपी प्राप्त की जा सकती है।
  5. बैकअप फाइल :- बैकअप फाइल,  फाइल की कॉपी होती है, जो एहतियात रूप में बनाई जाती है, यदि मूल फाइल खराब हो जाए तो गलती से डिलीट हो जाए। बैकअप फाइलों को नियमित रूप से बनाना अत्यावश्यक होता है।

फाइल सिस्टम के प्रकार (Types of file system)

  • सभी फाइल सिस्टम के अलग-अलग लॉजिक, स्ट्रक्चर और उनकी सरंचनाए अलग – अलग होती हैं। ये सभी फाइल सिस्टम के प्रकार है।
  • प्रचलित ऑपरेटिंग सिस्टम माइक्रोसॉफ्ट विंडोज (Microsoft Windows), मैक आएस एक्स (MAC OS X) और लिनक्स (Linux) हैं।  मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के अंतर्गत Apple iOS  और Google Android शामिल है।

FAT –

  • यह एक बहुत पुराना , सरल और विश्वसनीय फाइल सिस्टम है जो की माइक्रासॉफ्ट विंडोज द्वारा सपोर्ट किया जाता है। FAT को 1977 में फ्लॉपी डिस्क के लिए बनाया गया था, लेकिन बाद में इसे हार्ड डिस्क के प्रयोग करने लायक बना लिया गया। एक फाइल को कई  खंडों में विभाजित किया जा सकता है और FAT एक फाइल के सभी टुकड़ों को ट्रैक रखता है।

FAT फाइल सिस्टम  की विशेषताएं

  • एम एस डॉस में FAT फाइल सिस्टम के अंतर्गत् फाइल का नाम  कुल 8 अक्षर का हो सकता था।
  • विंडोज 2000 में FAT फाइल सिस्टम में फाइल का नाम उसकी लोकेशन के साथ 255 अक्षर का हो सकता था।
  • FAT फाइल सिस्टम में फाइल का नाम Alphanumeric अक्षर से ही शुरू होता है।
  • फाइल का नाम में Space और (.) डॉट का पयोग किया जा सकता है।
  • FAT फोल्डर सुरक्षा का समर्थन नहीं करता है।
  • फाइल एक्सेस की गति फोल्डर में फाइल के प्रकार, फाइल का आकार और फाइलों की संख्या पर निर्भर करती है।

FAT32 File system

  • फाइल सिस्टम FAT फाइल सिस्टम का एक उन्नत संस्करण है। इसका उपयोग 512 एमबी से 2 टीबी आकार की हार्डड्राइव पर किया जा सकता है।

FAT32 File system की विशेषताएँ

  • पार्टीशन का आकार – FAT32 क्ल्स्टर को एड्रेस करने के लिए उपयेाग किए जाने वाले बिट्स की संख्या को बढ़ाता है। कल्स्टर सेक्टरों का एक समूह है। यह प्रत्येक क्ल्स्टर के आकार को कम करता है।
  • एक्सेस स्पीड- FAT32 500 एमबी से ज्यादा या 2 जीबी से कम आकार की हार्ड डिस्क में फाइल को एक्सेस करने की बेहतर क्षमता प्रदान करता है। यह डिस्क की क्षमता का बेहतर ढंग से प्रयोग करने के लिए भी सुविधा देता है।

NTFA  file system

  • NTFA का फुल फॉर्म New Technology file system होता है, विंडोज 2000 से लेकर अब तक के सभी विंडोज के संस्करण में इसका पूरा समर्थन होता है।

NTFA फाइल सिस्टम  की विशेषताएँ

  • फाइल का नाम 255 अक्षरों तक हो सकता है।
  • फाइल के नाम में “ / < > * / : को छोड़कर लगभग सभी अक्षरों का प्रयोग कर सकते हैं।
  • NTFS फाइल और फोल्डर सुरक्षा प्रदान करता है। NTFS फाइल सिस्टम में अंतर्गत फाइलें और फोल्डर्स FAT से अधिक सुरक्षित रहती हैं। फाइलों और फोल्डरों के लिए विभिन्न अनुमतियों को असाइन करके सुरक्षा बनाए रखी जाती है।

ग्लोबल फाइल सिस्टम (Global File System)

  • ग्लोबल फाइल सिस्टम (जीएफएस) लिनक्स ओएस के लिए एक फाइल सिस्टम है, यह एक शेयर्ड डिस्क पर आधारित फाइल सिस्टम है। जीएफएस शेयर्ड ब्लॉक स्टोरेज के लिए सीधी पहुँच प्रदान  करता है।

Hierarchical file system

  • HFS फाइल सिस्टम का प्रयोग मैक ऑपरेटिंग सिस्टम (Mac OS) के साथ किया जाता है, इसे 1985 में फ्लॉपी और हार्ड डिस्क के लिए बनाया गया था। फिर यह Mac OS के लिए प्रयोग किया जाने लगा। इस फाइल सिस्टम को CD के साथ भी प्रयोग किया जा सकता है।

फाइल विस्तारक/एक्सटेंशन –

  • Image File Format – .jpeg, .gif, .bmp, .jpg, .tiff, .eps, .pict, .psd, .tif
  • Audio File Format – .wav, aiff, .mp3, .wma, .aac, .au, .mid, .ra, snd
  • Video File Format – .avi, mpg/mpeg, .mov, wmv
  • Text File Format – .asc, doc/docx, .txt, .rtf, .wpd, .wps, .msg
  • Program File Format – .bat, .com, .exe
  • Compression File Format – .Arc, .arj, .zip, .hqx, .rar, .sit, .tar, .zip

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