INPUT DEVICES (इनपुट डिवाइस)

Estimated reading: 4 minutes 85 views

Input Devices Computer व User के मध्य सम्पर्क की सुविधा प्रदान करते हैं। Input Device दिये गये Data, instruction और Programmes को कम्प्यूटर में इनपुट करते  हैं। ये Devices Character, Numerical तथा अन्य चिह्नों को 0 तथा 1 Bit में Convert करते हैं, जिन्हें कम्प्यूटर समझ सकता है तथा Data Processing कर सकता है। इस डिवाइस के द्वारा Text, Image एवं Audio आदि को कम्प्यूटर पर भेजा जाता है। Input Device सीधे computer के नियंत्रण में रहते हैं।

Input → Process → Output

Input Devices (इनपुट डिवाइस)  :-

(1) Key Board (की-बोर्ड)           

(2) Mouse (माउस)

(3) Track Ball (ट्रेक बॉल)

(4) Joystick (जॉयस्टिक)                

(5) Scanner (स्कैनर)               

(6) Optical Mark Reader (OMR) (ऑप्टिकल मार्क रीडर)       

(7) Bar-Code Reader (BCR) (बार कोड रीडर)               

(8) Optical Character Recognition (OCR) (ऑप्टिकल केरेक्टर रिकॉग्निशन)

(9) Magnetic Ink Character Recognition (MICR) (मैगनेटिक इंक केरेक्टर रिकॉग्निशन)

(10) Digitizer (डिजिटाइजर)                                           

(11) Card Reader (कार्ड रीडर)       

(12) Voice Recognition System (वॉइस रिकॉग्निशन सिस्टम)

(13) Web Camera (वेब कैमरा)

(14)  Light pen (लाइट पेन)

(15) Biometric Device (बायोमेट्रिक डिवाइस)

(16) Quick Response Code (QRC) (क्विक रेस्पोन्स कोड)

Keyboard (की बोर्ड):-

यह मुख्य प्राथमिक और सुगम Input Device है जिसके द्वारा Data और Programme को Computer में Input किया जाता है। इसके द्वारा User Commands Computer को देता है और उसका प्रभाव तत्काल Screen पर पड़ता हैं। Key Board एक Type Writer के समान Keys वाला उपकरण हैं लेकिन इसमें Keys की संख्या Type Writer से अधिक होती है। Key Board के बटन में एक मुख्य बात यह होती है कि किसी बटन को कुछ देर तक दबाए रखने पर वह स्वयं को दोहराता है यह क्रिया Typematic कहलाती हैं। एक मानक Key board में कुल Keys 104 होती हैं। Keyboard में QWERTY की बोर्ड का प्रयोग किया जाता है।

वर्तमान में 108 keys वाले की-बोर्ड भी उपलब्ध हैं।

की-बोर्ड का आविष्कार वर्ष 1868 में क्रिस्टोफर लाथम सोल्स (Christopher Latham Sholes) द्वारा किया गया।

Key Board के  प्रकार-

1. Standard Keyboard

2. Multimedia Keyboard 

3. Wireless Keyboard

Key Board की सभी कुंजियों को समूह में बाँटा गया हैं-

(1) Alphabet Keys (A-Z)

(2) Numerical (0-9)

(3) Functional (F1-F12)

(4) Arrow Keys (->, <-)

(5) Symbol Keys

(6) Control Keys

(7) Special Keys

  • Toggle key- की-बोर्ड के माध्यम से फंक्शन को चालू या बंद करने के लिए टॉगल की का उपयोग किया जाता है। इसे लॉक की भी कहा जाता है। जैसे- NumLock key, Caps Lock Key, Scroll lock key
  • Modifier Key / Combination key- की-बोर्ड के द्वारा शॉर्टकट कमाण्ड देने के लिए इस की का प्रयोग किया जाता है। जैसे- Alt key, Shift key, Ctrl Key
    फंक्शन्स की,  की-बोर्ड में कुल 12 फंक्शन की का प्रयोग किया जाता है।

F 1 – Help

F2 – Rename

F3 – Search

F4 – Close

F5 – Refresh के लिए

F6 – Address bar in web browser के लिए

F7 – Spelling & Grammer के लिए

F8 – Safe mode start

F9 – Refreshes a document in MS Word to send and receive mail in MS Outlokk

F11- Window explorer को Full Screen पर देखने के लिए

F12 – Save As के लिए

Mouse  (माउस):-

यह एक Input Device है, इसे रखने के लिए माउस पैड का उपयोग किया जाता है माउस एक प्रकार की पॉइंटिंग डिवाइस है। इसे हाथ से पकड़कर काम में लेते हैं। माउस का आविष्कार वर्ष 1964 में डगलस इंजेलबर्ट ने किया था। समतल सतह पर माउस को हिलाने पर इसके नीचे लगी Ball अथवा लाइट घूमती है, जो माउस में लगे छोटे-छोटे रोलर्स को संवेदित करती है। यह संवेदना को Digital Value में बदलकर यह व्यक्त करती है कि माउस किस दिशा में गति कर रहा है। माउस में दो या दो से अधिक बटन होते हैं जिनको दबाने से Screen पर Pointer की सहायता से Screen के अवयव चुने जाते हैं। माउस के बटन को अंगुली से दबाने की क्रिया Click कहलाती है। माउस एक केबल की सहायता से एवं वायरलेस माध्यम से कम्प्यूटर के C.P.U. से जुड़ा होता है।

आजकल Ball वाले Mouse की जगह Optical Mouse का प्रयोग किया जाता है। Mouse पर एक Scroll Button भी होता है जिसका  प्रयोग Pages को ऊपर नीचे करने के लिए किया जाता है।

माउस के प्रकार –

1. Mechanical Mouse – इसमें को नियंत्रित करने के लिए एक रबर की बॉल का प्रयोग किया जाता है।

2.  Optical Mouse – इस प्रकार के माउस में लेजर किरणों का प्रयोग किया जाता है।

3.Wireless Mouse – इस प्रकार के माउस में प्रकाश एवं बेतार माध्यम का प्रयोग किया जाता है।

Track Ball (ट्रेक बॉल) :-

Track Ball भी वही कार्य करती है जो Mouse करता है। यह भी एक प्रकार की पॉइंटिंग डिवाइस है। अन्तर यह है कि Mouse को हाथ से घूमाना पड़ता हैं, जबकि Track Ball को अंगुली या अंगूठे से घुमाकर संचालित किया जाता है। Track ball में ball ऊपर की ओर दिखाई देती है। इसे अधिकांश Laptop Computer में उपयोग करते हैं। Ball को जितना और जिस दिशा में घुमाते हैं Pointer उतना व उसी दिशा में संचालित होगा। इसका प्रयोग CAD/CAM, कम्प्यूटरीकृत वर्क स्टेशनों में किया जाता है।

मोशन डेटा को कम्प्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में प्रविष्ट कराने के लिए ट्रेकबॉल का प्रयोग किया जाता है।

joy Stick (जॉयस्टिक):-

Joy Sticks Games खेलने के काम आने वाला Input Device है। यह भी एक प्रकार की प्वांइटिंग डिवाइस है। Joy Stick के माध्यम से Screen पर उपस्थित आकृति को इसके Handle से पकड़कर चलाया जा सकता है। यह Mouse की तरह ही कार्य करता हैं परन्तु फर्क इतना है कि Mouse को एक बार किसी दिशा में Move करके छोड़ देने पर Cursor वहीं रुक जाता है परन्तु Joy Stick में एक बार Move करने पर Object उसी तरफ Move करता हैं जब तक कि उसको पुनः पहले वाली स्थिति में न लाए। जॉयस्टिक सभी दिशाओं में घूमने की अनुमति देता है। आजकल जॉयस्टिक बटन के रूप में भी उपयोग में ली जाती है।

इसे 360 डिग्री में घूमाया जा सकता है।

रोबोट को नियंत्रित करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

Scanner (स्कैनर) :-

यह एक Input Device है जिसके द्वारा Text, Graphics को सीधे Computer में डाला जाता हैं। स्कैनर हार्ड कॉपी को सॉफ्ट कॉपी में बदलने का कार्य करता है। इसके लिए जिस Text/Graphics को Scan करना है उसे Scanner की Flat सतह पर रखा जाता है। Scanner पर लगे Lense और Light Source के द्वारा चित्र को Binary Code में Change करके Computer की Memory में पहुँचाया जाता है तथा उसे Monitor की Screen पर देखा जा सकता है। Scan की गई फोटो में आवश्यकतानुसार Change किये जा सकते हैं। Scanner के द्वारा स्कैन किया गया डेटा कम्प्यूटर पर डिजिटल रूप में स्टोर होता है। स्कैन की गयी फाइल को JPEG और PDF में सेव किया जा सकता है।

 Scanner के द्वारा स्कैन किया गया डेटा कम्प्यूटर स्क्रीन पर एक इमेज के रूप में प्रदर्शित होता है। स्कैनर स्कैनिंग के लिए फ्लोरोसेन्ट बल्ब का उपयोग करता है।

Scanner  निम्न प्रकार के होते हैं-

(1) Hand Scanner- इसको हाथ से पकड़कर चित्र के ऊपर से गुजारा जाता हैं। इसे कवर बन्द करके Operate किया जाता है। यह पूरे Page में अंकित सूचनाओं को एक साथ Scan करता है।

(2) Desktop Scanner/Flat bed scanner- इस Scanner में Photo को रखकर उसका कवर बन्द करके Operate किया जाता हैं। यह पूरे Page में अंकित सूचनाओं को एक साथ Scan करता हैं।

(3) Drum Scanner- इस स्कैनर में घूमने वाला एक ड्रम होता है। जिसके द्वारा स्कैन किया जाता है।

Optical Mark Reader (OMR) (ऑप्टिकल मार्क रीडर)  :-

यह एक ऐसी Input Device है जो किसी कागज पर पेन या पेन्सिल के चिन्ह्न की उपस्थिति को जाँचती है, इसमें चिह्नित कागज पर प्रकाश डाला जाता है और परिवर्तित प्रकाश को जाँचा जाता हैं। जहाँ चिह्न होगा उस भाग में परावर्तित प्रकाश की तीव्रता कम होगी। इसका उपयोग किसी परीक्षा की उत्तर पुस्तिका की जाँच में होता है।

• Bar-Code Reader (BCR)  (बार-कोड रीडर) :- BCR द्वारा Printed Lines के समूह को एक डेटा के रूप में पढ़ा जा सकता है। Universal Product Code सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाला BCR Code है। जो लगभग सभी Retail वस्तुओं की packing पर होता है। BCR वास्तव में एक स्कैनर हैं जो UPC को Laser Beam की सहायता से पढ़ता हैं UPC में एक श्रेणी में कई खड़ी लाइनें होती हैं। जिसकी चौड़ाई अलग-अलग होती है। इन Lines को 10 डिजिट में पढ़ा जाता है। इनमें से प्रथम 5 से निर्माता व Distributor का पता चलता हैं तथा अन्तिम 5 से Product की जानकारी होती है।

Optical Character recognition/Readers (OCR) (ऑप्टिकल केरेक्टर रिकॉग्निशन)

OCR का उपयोग लिखे गये या प्रिंटेड अक्षरों को कम्प्यूटर पर डिजिटल रूप में इनपुट करने के लिए किया जाता है।

Magnetic Ink Character Recognition (MICR) (मेग्नेटिक इंक केरेक्टर रिकॉग्निशन) :-

इस उपकरण के द्वारा Input किये जाने वाले Data को एक पेपर पर लिखा जाता हैं। अक्षरों को लिखने के लिए एक विशेष फॉन्ट होता हैं। इस Font के प्रत्येक अक्षर Lines में बना होता है इसमें एक विशेष प्रकार की Magnetic Ink का प्रयोग किया जाता हैं जिसमें Iron Oxide नामक चुम्बकीय पदार्थ मिला होता है। यह अधिकतर Banks के चैक व Draft No. पढ़ने के लिए प्रयोग में लिया जाता है। उस चैक को MICR के Reading Head के नीचे से गुजारा जाता है। यह Cheque व DD को पूर्ण शुद्धता से पढ़ता है तथा इसकी Input की गति Fast होती है। जिससे Processing Speed तेज होती हैं। इसमें Font Match करने चाहिए व Character Magnetic Ink से ही लिखे होने चाहिए।

Digitizer (डिजिटाइजर) :-

यह एक Input Device है। Graphic Tablet में एक Drawing सतह होती है। इसके साथ एक Pen जुड़ा होता है, जिसे Stylus कहते हैं। Drawing सतह में (grid) पतले तारों का जाल होता है जिस पर पेन को चलाने से संकेत कम्प्यूटर में चले जाते हैं व Screen पर Image बन जाती है।

Card Reader (कार्ड रीडर)  :-

Memory Card, Flash Drive की तरह ही Permanent Storage Device की तरह प्रयोग किये जाते हैं। इन्हें इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे Mobile Phone, PDA, Digital Camera आदि और Computer के बीच Data Transmission के लिए विकसित किया गया।

इन Cards को Electronic उपकरणों के अतिरिक्त Card Reader द्वारा भी Access किया जा सकता हैं अर्थात् Card Reader में Memory Cards को Insert करने के लिए विभिन्न Slots होते हैं, जिनमें Card डालकर Data, Card से Computer में या Computer से Card में Transfer किया जा सकता हैं।

Voice Recognition System (वॉइस रिकॉग्निशन सिस्टम):-

Computer में तकनीक का सबसे नया उदाहरण Voice Input है। इस तकनीक में हम कम्प्यूटर में डेटा बिना टाइप किये सीधे ही बोलकर इनपुट करा सकते हैं, इससे डेटा इनपुट में होने वाली परेशानियों को दूर किया जा सकता हैं। यह तकनीक कम्प्यूटर यूजर को इनपुट में सहायता प्रदान करती हैं। इस तकनीक में कुछ समस्या भी हैं जैसे कि एक समस्या तब सामने आती है जब डेटा बोलकर इनपुट किया जाता हैं। इस समय सिस्टम यह परखता है कि कौन बोल रहा है तथा सन्देश क्या है। System उसी व्यक्ति की आवाज को पहचानेगा जो व्यक्ति उसे हमेशा उपयोग में लेता है। वॉयस रिकॉग्निशन (Voice Recognition) में अन्य बहुत-सी तकनीक हैं जिनके माध्यम से वॉयस सिग्नल को उचित शब्दों में परिवर्तित किया जा सकता हैं। इसका दूसरा नाम Speech Recognition System भी है। इसमें Speech Synchronous system का प्रयोग किया जाता है।

अधिकतर वॉयस रिकॉग्निशन सिस्टम (Voice Recognition System) स्पीकर पर निर्भर (Speaker Dependent) होते हैं। इस सिस्टम में स्पीकर किसी शब्द जैसे ‘ट्रेन’ का उच्चारण बार-बार करता है तो यह सिस्टम सिर्फ उसी शब्द की आवाज को पहचानेगा जो पहली बार प्रयोग में लायी गयी थी परन्तु आजकल जो कि स्पीकर पर निर्भर नहीं है सारे शब्दों को पहचान लेते हैं चाहे वे किसी भी यूजर द्वारा कहे गये हों, लेकिन यह डेटा की लगातार इनपुटिंग को स्वीकार नहीं करते हैं।

Web Camera (वेब कैमरा)  :-

वेब कैमरा का प्रयोग विशेषतः कम्प्यूटर के साथ होता है। प्रयोक्ता इसका प्रयोग खास तौर पर ऑन लाइन चैटिंग के समय करते हैं। वेब कैमरा किसी ऑब्जेक्ट पर फोकस करके उसका चित्र लेता हैं तथा इसे कम्प्यूटर स्क्रीन पर दूसरी ओर ऑन लाइन व्यक्ति (यदि उसके पास भी वेब कैमरा है तब) को देख सकते हैं तथा उससे बातचीत कर सकते हैं।

Light pen (लाइट पेन) 

यह सामान्य पेन की तरह दिखाई देने वाली डिवाइस होती है जिसमें Light के माध्यम से स्क्रीन पर लिखा जाता है। यह पॉइंटिंग डिवाइस है, जिसका उपयोग ड्रॉइंग बनाने के लिए भी किया जाता है। इसे Electro Optical Device भी कहते हैं।

Biometric Device (बायोमेट्रिक डिवाइस)

यह एक प्रकार की इनपुट डिवाइस है, जिसके द्वारा मानव शरीर के अंगों के माध्यम से Data को कम्प्यूटर पर भेजा जाता है। जैसे – अंगुलियों के द्वारा उपस्थिति दर्ज करवाने वाली मशीन।

Quick Response code Scanner (क्वीक रेस्पोन्स कोड स्कैनर) 

यह हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का मिश्रित रूप है, जिसके द्वारा वर्गाकार फ्रेम में बहुत सारे dots व लाइनों से मिलकर बने हुए Image को स्कैन करती है तथा उसमें उपस्थित Data को स्क्रीन पर दर्शाती है। इसमें सूचना स्टोर करने के लिए चार बिट का प्रयोग किया जाता है।

Leave a Comment

CONTENTS