(Memory) स्मृति

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(Memory) स्मृति

  • मेमोरी (स्मृति)कम्प्यूटर का वह स्थान होता है, जहाँ पर डेटा, प्रोग्राम, सॉफ्टवेयर आदि को संगृहीत / स्टोर किया जाता है।
  • मेमोरी कम्प्यूटर पर किसी भी डेटा, सूचना आदि को रिकॉर्ड करने वाले माध्यम को कहा जाता है।
  • मेमोरी का डेटा अस्थायी और स्थायी रूप से स्टोर होता है।
  • कम्प्यूटर पर डेटा, निर्देश, प्रोग्राम को एक्सीक्यूट करने के लिए मेमारी की आवश्यकता होती है।

मेमोरी से संबंधित कुछ शब्द –

  1. Write (लिखना)- मेमोरी में डेटा पहुँचाना, डेटा स्टोर करना, सुरक्षित करना, स्टोर करना इत्यादि को  Write माना जाता है।
  2. पढ़ना (Read)- मेमोरी से डेटा को प्राप्त करना, पढ़ना ही Read कहलाता है।
  • मेमोरी में डेटा को स्टोर या Write किया जाता है तो इसे क्रमानुसार Sequence में भी कर सकते हैं।
  • जब मेमोरी से डेटा को प्राप्त किया जाता है अर्थात् Read किया जाता है तो इसे क्रमानुसार, यादृच्छिक व सीधे भी प्राप्त किया जा सकता है।
  • कम्प्यूटर की मेमोरी हमारे मस्तिष्क की तरह ही होती है जिसमें डेटा व सूचना को सुरक्षित एवं संगृहीत किया जाता है।

कम्प्यूटर की मेमोरी का वर्गीकरण –

यह मुख्यत: दो प्रकार की होती है –    

  1. प्राथमिक स्मृति (Primary memory)/ मुख्य मेमोरी (Main memory)/आन्तरिक मेमोरी (Internal memory)
  2. द्वितीयक स्मृति (Secondary memory) / सहायक स्मृति (Auxiliary memory)/ बाह्य स्मृति (External memory)

(a)  प्राथमिक स्मृति Primary memory

  • यह कम्प्यूटर की मुख्य मेमोरी होती है।
  • इस मेमोरी में डेटा अस्थायी और स्थायी स्टोर हो सकता है।
  • कम्प्यूटर पर प्रोग्राम को एक्सीक्यूट करने के लिए प्राइमरी मेमोरी की आवश्यकता होती है।
  • इस मेमोरी में डेटा को स्टोर करके अन्य कम्प्यूटर पर नहीं ले जाया जा सकता।
  • यह मेमोरी चिप के रूप में सीपीयू के मदरबोर्ड से जुड़ी होती है।
  • वर्तमान में कम्प्यूटर पर हो रहा कार्य मुख्य मेमोरी में ही हो रहा होता है।
  • इसे वर्किंग मेमोरी भी कहते हैं।
  • इस मेमोरी को आन्तरिक स्मृति, मुख्य स्मृति, सहायक स्मृति आदि नाम से जाना जाता है।
  • प्राथमिक मेमोरी का वर्गीकरण (Classification of Primary memory)-

प्राथमिक मेमोरी मुख्यत: दो प्रकार की होती है-

1. RAM

2. ROM

1. RAM – (Random Access memory) (रेण्डम एक्सेस मेमोरी):-

  • ये प्राइमरी मेमोरी (प्राथमिक स्मृति) होती है।
  • यह मेमोरी डेटा को अस्थायी (Temporary) स्टोर करती है इसलिए इसे वोलेटाइल मेमोरी (Volatile) भी कहते हैं।
  • यह मेमोरी चिप रूप में दिखाई देती है।
  • यह मेमोरी CPU से सीधे जुडी होती है।
  • इस मेमोरी में डेटा Read और Write किया जा सकता है।
  • कम्प्यूटर के बन्द हो जाने पर इसमें उपस्थित डेटा स्वत: ही डिलीट हो जाता है।
  • इस मेमोरी की क्षमता को कम्प्यूटर पर बढ़ाया भी जा सकता है।

RAM के प्रकार-

RAM मुख्यत: दो प्रकार की होती हैं-

i. RAM

ii. DRAM

i. SRAM:- Static RAM (स्टेटिक रेम):-

  • ये रेम का एक प्रकार होती है।
  • इस मेमोरी को बार-बार रिफ्रेश करने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • जब तक कम्प्यूटर चालू रहता है तब तक इसमें डेटा स्टोर रहता है।
  • इस मेमोरी में एक से अधिक ट्रांजिस्टर प्रयोग किये जाते हैं।
  • इस मेमोरी में कैपेसिटर का प्रयोग नहीं होता है।
  • यह मेमोरी Dynamic RAM से तेज व महँगी होती है।

ii. DRAM- Dynamic RAM (डायनेमिक रैम):-

  • यह मेमोरी रैम का एक प्रकार होती है।
  • इस मेमोरी को बार-बार रिफ्रेश करने की आवश्यकता होती है।
  • इस मेमोरी में एक ट्रांजिस्टर व एक कैपेसिटर का प्रयोग किया जाता है।
  • यह मेमोरी SRAM की तुलना में धीमी व सस्ती होती है।

RAM के अन्य प्रकार:-

  • SDRAM (Synshronous DRAM):- यह रैम DRAM का प्रकार होती है जिसे DRAM से कम Refresh किया जाता है इस मेमोरी के Clock Rate का प्रयोग होता है।
  • EDO RAM (Extended Data Output RAM):- यह रेम मेमोरी लोकेशन पर पहुँचाने का कार्य करती है।
  • Rambus Ram- इस मेमोरी का उपयोग विडियो गेम इत्यादि में किया जाता है।
  • SDRAM (Single Data Rate RAM)
  • DDR RAM (Double Data Rate RAM) इसमें वर्तमान में DDR1, DDR2, DDR3, DDR4 का प्रयोग किया जाता है।

2. ROM (Read only Memory) (रीड ओनली मेमोरी)

  • यह प्राथमिक मेमोरी होती है।
  • इस मेमोरी में डेटा को कम्प्यूटर निर्माता कम्पनी द्वारा स्टोर किया जाता है।
  • यह मेमोरी स्थायी मेमोरी होती है।
  • इस मेमोरी को नॉन वोलेटाईल मेमोरी भी कहते हैं।
  • इस मेमोरी में यूजर द्वारा डेटा को स्टोर, डिलीट, मोडिफाई अर्थात किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जा सकता।
  • इस मेमोरी को केवल यूजर रीड (Read) पढ़ सकता है इसके अलावा अन्य कोई कार्य नहीं कर सकता है।
  • इस मेमोरी में स्टोर प्रोग्राम को BIOS (बायोस) Basic input output system तथा Firmware (फर्म वेयर) कहते हैं।
  • ROM मुख्यत: 3 प्रकार की होती है।
  1. PROM
  2. EPROM
  3. EEPROM

i. PROM – (Programmable R​​​​ead only memory) (प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी):-

  • यह रोम का एक प्रकार होता है ।
  • इस मेमोरी में प्रोग्राम, डेटा व सूचनाओं को स्थायी रूप से स्टोर किया जाता है।
  • इसमें उपस्थित प्रोग्राम रोम की तरह व्यवहार करते हैं।

ii. EPROM – (Erasable Programmable Read only memory) (इरेजेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी):-

  • इस मेमोरी में सूचनाओं को स्थायी रूप से मेमोरी में स्टोर किया जाता है।
  • इस मेमोरी को पराबैंगनी किरणों (Ultraviolet Ray) के द्वारा मिटाया भी जा सकता है। लगभग 15 मिनट तक इस मेमोरी पर पराबैंगनी किरणों का प्रयोग किया जाता है।
  • इस मेमोरी को UVEPROM भी कहते हैं।

iii. EEPROM – (Electrically Erasable Programmable Read only memory):-

  • यह रोम का एक प्रकार होता है।
  • इस मेमोरी को विद्युत संकेतों (Electric plus) के द्वारा मिटाया जाता है।

Cache memory  कैश मेमोरी-

  • यह प्राथमिक मेमोरी होती है क्योंकि यह मेमोरी सीधे CPU से जुड़ी होती है।
  • यह मेमोरी अस्थायी मेमोरी होती है।
  • यह मेमोरी CPU और main memory के मध्य उपस्थित होती है।
  • यह मेमोरी तेज होती है।
  • यह मेमोरी महंगी मेमोरी होती है।
  • इसमें डेटा को तेजी से एक्सेस किया जा सकता है।

(b) Secondary Memory (सैकंडरी  मेमोरी/द्वितीयक स्मृति):-

  • इस मेमोरी को External (बाहरी) और Auxiliary सहायक मेमोरी भी कहते हैं।
  • इस मेमोरी में डेटा को स्थायी रूप से स्टोर किया जाता है।
  • इस मेमोरी में डेटा को स्टोर करके अन्य कम्प्यूटर पर भी ले जाया जा सकता है इसलिए इसे बाहरी मेमोरी भी कहते हैं।
  • यह मेमोरी CPU के बाहर स्थित होती है।
  • यह मेमोरी कम्प्यूटर बन्द हो जाने के बाद भी स्टोर करके रखती है।
  • इसमें डेटा स्थायी रूप से स्टोर होता है इसलिए इस मेमोरी को नोन वोलेटाइल मेमोरी कहते हैं।

Secondary Storage Device को External Storage Device भी कहते हैं। इनमें डेटा स्थायी रूप से Stored होते हैं – Secondary Storage Devices आजकल के कम्प्यूटर के मुख्य उपकरण होते हैं। Operating Systems में बहुत सारी files तथा Images होती हैं। अतः उनके Installation के लिए अधिक Storage Capacity की आवश्यकता होती है। इसी प्रकार विभिन्न Software में बहुत अधिक संख्या में फाईल्स होती है। अतः बड़ी मात्रा में Data Program व Information को संगृहीत करने के लिए Secondary Storage Device का उपयोग आवश्यक है। Users द्वारा बनाई गयी files को permanently store रखने के लिए भी secondary storage devices की आवश्यकता होती हैं। यद्यपि इन उपकरणों में Storage तथा Re-Store Speed RAM की अपेक्षा कम होती है। परन्तु यह RAM की अपेक्षा सस्ते होते हैं।

Advantage :-

  1. क्षमता (Capacity) -इनमें बहुत अधिक मात्रा में Data Program व Information को संगृहीत करने की क्षमता होती है।
  2. कम लागत – RAM की अपेक्षा इनमें अधिक मात्रा में सूचनाओं का संग्रहण कम लागत में किया जाता है।
  3. विश्वसनीयता (Reliable) -यह Reliable हैं। डेटा सुरक्षित रहता है।
  4. Non-volatile Storage Media – Power off हो जाने के बाद भी Data Stored रहता है।
  5. गमनीय (Portable) – Secondary Storage Device में Store किए गए डेटा को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है।
  6. पुनः उपयोगी (Re-usable) -इनमें पहले से स्टोर किसी डेटा को हटाकर नया डेटा Enter किया जा सकता है। 

सैकंडरी मेमोरी का वर्गीकरण (Classification of Secondary memory):-

A. मैग्नेटिक टेप

B. मैग्नेटिक डिस्क-

1. हार्डडिस्क  2. फ्लॉपी डिस्क

C. अप्टिकल डिस्क-

1.CD   2. DVD   3. BRD

D. फ्लैशड्राइव/रिमूवेबल डिस्क

1. पेन ड्राइव     2. मेमोरी कार्ड

A. मैग्नेटिक टेप (Magnetic Tape):-

  • चुम्बकीय टेप में डेटा क्रमानुसार स्टोर होता है।
  • इसका वर्तमान में ज्यादा उपयोग नहीं किया जाता।
  • मैग्नेटिक टेप में टेप ड्राइव का प्रयोग किया जाता है।

B. Magnetic Disks :-

  • Magnetic Disks, Secondary Storage Device के रूप में प्रयोग किये जाते हैं। इन पर Data Permanently Store किया जा सकता हैं। यह Direct Access Media होते हैं, जिन पर Data को Directly Store या प्राप्त किया जा सकता हैं।
  • इनके अंतर्गत दो मुख्य प्रकार के Devices को सम्मिलित किया जाता है।
  1. Floppy Disk
  2. Hard Disk
  3. फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk):-
  • यह सेकण्डरी मेमोरी होती है जिससे डेटा स्थायी रूप से स्टोर होता है।
  • यह डिस्क वृत्ताकार डिस्क होती है।
  • इस डिस्क पर चुम्बकीय पदार्थ का लेप होता है।
  • यह तीन प्रकार की होती है वर्तमान में इस डिस्क का प्रयोग नहीं किया जाता।
  • 8 इंच (100KB क्षमता)   – 
  • 3\frac{1}{2}
  • 3
  • 2
  • 1
  •   इंच (1.44 MB क्षमता)
  • 5\frac{1}{4}
  • 5
  • 4
  • 1
  •   इंच (1.20MB क्षमता)
  1. हार्ड डिस्क (Hard Disk):-                                              
  • यह कम्प्यूटर की मुख्य मेमोरी होती है।
  • इस मेमोरी में डेटा को स्थायी रूप से स्टोर  किया जाता है।
  • इस डिस्क को फिक्स डिस्क भी कहा जाता है।
  • इस डिस्क को विंचेस्टर डिस्क भी कहते हैं।
  • हार्ड डिस्क मैग्नेटिक डिस्क होती है।
  • यह डिस्क ट्रेक और सेक्टर  में बंटी होती है।
  • हार्ड डिस्क कि स्पीड को आर.पी.एम. में मापा जाता है।
  • हार्ड डिस्क में डेटा को रीड और राईट करने के लिए हेड का प्रयोग किया जाता है।
  • IBM द्वारा निर्मित इस डिस्क को Winchester Disk भी कहते हैं। इसकी बनावट तथा कार्य विधि डिस्क की तरह ही होती हैं। Hard Disk धातु की अनेक Disk Plated का समूह होता हैं। तथा डिस्क की दोनो सतहों पर चुम्बकीय पदार्थ (Magnetic Material) का लेप होता है। इसमें Magnetic form में Data Store होता हैं। सभी डिस्क एक Shaft में लगी होती हैं।
  • शीर्ष डिस्क के ऊपरी सतह और निचली डिस्क की निचली सतह पर डेटा स्टोर नहीं किया जा सकता है। प्रत्येक सतह के लिए एक Read Write Head होता है। इन Read Write Head का समूह एक Arm पर लगा होता है। प्रत्येक Head, Arm के द्वारा आगे पीछे गति करके, घूमती हुई Disk की सतह पर उपयुक्त Track पर पहुँच सकता है।
  • Disk के घूमने की गति 3600 से 7200 RPM (Rotation Per Minute) होती हैं। किसी डेटा को ढूँढने में जितना समय लगता हैं। उसे Access Time कहते है। Acess Time दो तरह के समय का टोटल होता है।
  1. Seek Time -वह समयावधि जिसमें Read Write Head उचित Track पर पहुँचता हैं।
  2. Latency Time – वह समयावधि जिसमें Read/Write Head उचित Sector पर पहुँचता है।
  • Access Time = Seek Time + Latency Time
  • Disk Cylinders – Disk Pack में Disk Storage को समझने के लिए Disk Cylinder को समझना आवश्यक हैं। माना एक हार्ड डिस्क में 8 संग्रह योग्य सतह है और प्रत्येक सतह पर 400 Tracks उपस्थित हैं तो हम यह मान सकते है। कि Disk Pack 400 काल्पनिक Cylinder से मिलकर बना हैं। प्रत्येक Cylinder में 8 Track हैं। सभी सतहों के Read/ Write Head एक समय में एक Cylinder पर स्थित रहते हैं तथा Track में डेटा पढ़ा या लिखा जा सकता है।

लाभ (Advantage) –

  1. इसका आकार छोटा होता है। किन्तु अधिक Data Store किया जा सकता हैं।
  2. इनमें डेटा संग्रह करना सस्ता होता है।
  3. इसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है।
  4. इसकी Floppy की अपेक्षा Data Acess Speed Fast होती है।

हानि (Disadvantage) –

  1. यदि Hard Disk टूट जाए तो सारा डेटा उसी समय नष्ट हो जाता है।

C. ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disks CD-ROM) :- सन् 1990 के दशक में Optical Disk की तकनीक विकसित हुई। इस डिस्क में Laser Beam की सहायता से डेटा को Read Write किया जाता है  इसलिए इसे Optical Disk कहते हैं।

1. CD ROM (Compact Disk) :-

  • यह Data Store करने का एक साधन है। इसमें लिखी गई सूचनाओं को केवल पढ़ा जा सकता हैं। इसकी संग्रहण क्षमता (700 MB) बहुत अधिक होती हैं। यह disk Metal पदार्थ की बनी होती है। जिसकी एक सतह पर Aluminum की Coating होती है, जिससे यह Reflection का गुण रखती है इस पर डेटा स्टोर करने के लिए इसकी परावर्तन सतह पर एक उच्च तीव्रता की Laser किरण डाली जाती है।
  • CD ROM में एक लम्बा सर्पीलाकार Track होता है। जिसमें डेटा क्रमानुसार संगृहीत होता है। ये Track समान आकार के सेक्टर में विभाजित रहता हैं। CD ROM तेज बदलती हुई गति से घूमती है। इसकी संग्रहण क्षमता 700MB या इससे अधिक होती हैं। इसका उपयोग Audio-Video Disk के रूप में भी होता है।
  • Optical Media में Data Magnetic Media की अपेक्षा अधिक सुरक्षित व विश्वसनीय रहता है तथा इसमें Store Data का जीवन काल भी काफी लम्बा होता है।

लाभ (Advantage) –

  1. अधिक मात्रा में Data Storage
  2. Data Transfer Rate अधिक
  3. Stored Data स्थायी

हानि (Disadvantage) – CD ROM पर खरोच लगने से यह खराब हो जाती है।

CD-R (Compact Disk Recordable Drive) :- CD ROM की तकनीक में और विकास हुआ। उस समय ऐसी Drive का निर्माण हुआ जिसका प्रयोग CD ROM पर डेटा राईट करने के लिए किया जाने लगा। CD-R को WORM (Write Once Read Many) भी कहते हैं अर्थात् Disk में Data केवल एक बार ही Write कर सकते थे और अनेक बार पढ़ा जा सकता था।

CD-RW (Compact Disk Re-Writable) :- यह आजकल प्रचलित एक प्रकार की नई डिस्क है जिसे CD-RW कहते हैं। इस डिस्क पर बार-2 नया डेटा पुराने डेटा को हटाकर राईट किया जा सकता है। यह Re-Writable CD है।

2. DVD (Digital Versatile Disk) – वर्तमान में अत्यधिक प्रयुक्त होने वाली डिस्क, इसकी Storage क्षमता 4.7 GB है।

3. Blu-Ray Disc :- Blu Ray को Blu Ray Disc के नाम से भी जाना जाता है Short में इसे (BD) भी कहते है। यह एक Next Generation Optical Disc Format है जिसका Development Blu-Ray Disc Association (BDA) द्वारा किया गया है। इस Format का Development High-Definition (HD) Video की Recording, Rewriting तथा Playback को Enable करने के लिए तथा साथ ही Large amount of data को Store कर सकने के लिए किया गया। यह Format Traditional DVD’s से Five Times अधिक Storage Capacity उपलब्ध कराता है, Single Layer Disk पर यह 25GB Data Hold कर सकता है तथा Dual-Layer Disc पर यह 50GB Data Hold कर सकता है।

Features of Blu-Ray Discs: –

Media TypeHigh Density Optical Disc
EncodingMPEG-2, H 264 and VC-1
Capacity25GB (Single Layer), 50GB (Dual layer)
Read Mechanism1x @36 Mbit/s & 2 x @ 72 Mbit/s
Developed byBlu-Ray Disc Association
UsageData Storage, High  Definition video and Play Station 3 Games

Technical Specification :-

  • करीब 9 hours की high-definition (HD) Video एक 50GB Disc पर Stored की जा सकती है।
  • करीब 23 hours की Standard Definition (SD) Video एक SD GB Disc पर Stored किया जा सकता है।
  • एक Single Layer Disc mpeg-2 Format का प्रयोग करते हुए 135 Minute High Definition Feature Store की जा सकती है।
Physical SizeSingle Layer CapacityDual Layer Capacity
12 cm, Single Sided25GB50GB
8 cm, Single Sided7.8GB15.6GB

(D) Mass Storage Devices :-

इस प्रकार के Devices Portable होते है जिससे उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना आसान रहता है। ये भी स्थायी संग्रहण उपकरण होते है जिनमें डेटा को लम्बे समय तक रखा जा सकता हैं। आजकल इन उपकरणों का प्रयोग अधिकतर किया जा रहा है। ऐसे ही दो मुख्य Mass Storage Devices निम्न हैं-

1. Pen Drive              2. Memory Card

1. Pen Drive :-Pen Drive को तकनीकी भाषा में Flash Drive कहते हैं। इनमें USB (Universal Serial Bus) Interface लगा होता हैं। यह बहुत ही छोटी और हल्की होती हैं इनको आवश्यकता होने पर लगाया एवं काम हो जाने पर हटाया जा सकता हैं तथा इन पर Data बार-बार लिखा एवं हटाया जा सकता है। Pen Drive में एक छोटा circuit board होता है जो एक cover से ढका होता है। यह Plug and play उपकरण है जो कम्प्यूटर के USB Port में लगाया जाता है। बाजार में 512 MB, 1GB, 2GB, 8GB, 16GB, 256GB, 1TB इत्यादि  संग्रहण क्षमता में उपलब्ध है।

2. Memory Card :- Memory Card या Flash Memory Card एक Solid State Electronic Flash Memory Data Storage Device होता है जिसका प्रयोग Digital Camera, Hand held तथा Laptop Computers, Telephone, Music Players, Video Game Consoles तथा Other Electronic Equipments में किया जाता है। Memory Card Re-record Ability, Power Free Storage, Small Form Factor जैसी विशेषताएँ रखते हैं।

Memory Unit :- Computer में जो भी Data हम प्रविष्ट कराते हैं वह कितना है उसे मापने के लिए किसी इकाई कि आवश्यकता होती है। जिस प्रकार तरल पदार्थ को मापने के लिए लीटर को एक इकाई की तरह प्रयोग किया जाता है, ठोस वस्तु को मापने के लिए ग्राम व किलोग्राम का प्रयोग किया जाता है। उसी प्रकार किसी Storage Media पर कितना Data Stored है उसे मापने के लिए भी एक Unit जिसे Bit और Byte से मापा जाता है।

Memory Unit

1 bit=0 / 1
4 bit=1 nibble
8 bit=1 byte
1024 Bytes=1 Kilobyte (KB)
1024 Kilobyte=1 Megabytes (MB)
1024 Megabytes=1 Gigabyte (GB)
1024 Gigabytes=1 Terabyte (TB)
1024 Terabytes=1 Petabyte (PB)
1024 Petabytes=1 Exabyte (EB)
1024 Exabyte=1 Zettabyte (ZB)
1024 Zettabyte=1 Yottabyte (YB)

इसी प्रकार मेमोरी इकाई को अन्य माध्यम से भी मापा जा सकता है :-

• यदि हम 10 की घात से इसे मापने करते हैं, तो यह इस प्रकार दिखाई देती है-

Kilobyte (KB) = 1000  = 103     1 Thousand Byte

Megabyte (MB) = 1000000  = 106   1 Million Byte

Gigabyte (GB) = 1000000000 = 109  1 Billion Byte

Terabyte (TB)  = 1000000000000 = 1012  1 Trillion Byte

• यदि मेमोरी यूनिट को बाइनरी के समतुल्य 2 की घात से मापन करते हैं, तो इस प्रकार समतुल्य दिखाई देती है-

1 Byte = 20 Byte

1 KB  = 210 Byte

1 MB = 220 Byte

1 GB = 230 Byte

1 TB = 240 Byte

Register (रजिस्टर)

  • रजिस्टर सी.पी.यू की मेमोरी होती है जो सीधे सी.पी.यू से जुड़ी हुई होती है।
  • यह कम्प्यूटर पर सबसे तेज मेमोरी होती है।
  • यह मेमोरी कम्प्यूटर  पर सबसे महंगी होती है।
  • यह मेमोरी बहुत तेजी से डेटा को प्रोसेस करती है।
  • कम्प्यूटर की प्रोसेसिंग स्पीड इस मेमोरी पर ही आधारित होती है।
  • यह निम्न प्रकार की होती है।

Register memory के प्रकार :- कुछ महत्वपूर्ण Register निम्नलिखित है

1. Memory Address Register (MAR):

  • यह Register memory से read किए डेटा के address को store करता है।यह register data या instructor के address को रखता है। निर्देशों के execution के दौरान memory से data या instruction को access करने का कार्य यह register करता है। उदाहरण के लिये यदि CPU को memory से पढ़ने या उसमें लिखने के लिए किसी data की आवश्यकता है तो वह MAR के आवश्यक memory location पर address को रखता है। इस register का उपयोग memory की addressing के लिए किया जाता है यह register information के उस address पर रखता है जहाँ से वह आ रहा है और जहाँ उसे store होना है। यह memory register addressing के साथ conjunction में उपयोग होता है। MAR basically किसी data के memory address को तब store करके रखता है जब वह या तो memory से load होता है या memory में store होता है। जबकि AR storage जब तक किसी data की आवश्यकता होती रहती है , तब तक उसके location के address को hold करके रखता है।

2. Memory Buffer Register (MBR) :

  • यह Register memory से read किए गए डेटा को store करता है। यह register MAR के द्वारा निर्धारित memory location की एक copy रखता है। जिसे किसी data को ‘Read’ या ‘Write’ करते समय उपयोग किया जाता है अर्थात् यह register memory में आ रहे या memory से जा रहे data एवं instruction को संगृहीत करके रखता है।

3. Program Counter Register (PCR) :

  • यह Register execute होने वाले निर्देश के address को count कर स्टोर करता है। Program counter को ही Intel x86 processor के लिए इसे Instruction Pointer (IP) कहा जाता था। कुछ स्थितियों मे इसे Instruction address register या processor register भी कहा जाता है। यह hardware memory device है जो execution के दौरान current instruction के location को दर्शाता है। यह 8085 processor के लिए एक 16 bit का विशेष कार्य के लिए register के रूप में इसका उपयोग होता है। जब microprocessor के द्वारा किसी निर्देश को execute किया जा रहा होता है तो यह निर्देश के अगले memory address के track को रखता है।

4. Instruction Register (IR) :

  • यह execute Register होने वाले निर्देश को store करता है। Processor के द्वारा किसी दिए गए समय में केवल एक ही instruction को execute किया जाता है। instruction को control unit पहले संगृहीत करके रखता है यह इसमे जाने से पहले होता हैं।

5. Accumulator Register (AR):

  • यह Register process हो रहे data व उसके परिणामों को store करता है।यह ALU के अंतिम processing के दौरान के result को store करके रखने के लिए होता है।

6. Input/Output Register (I/O R) :

  • यह register विभिन्न input output device से data प्राप्त करने व उनमें data भेजने के लिए प्रयोग किया जाता है।

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