अधिगम नि:शक्तताएं पर संक्षिप्त टिप्पणी (शॉर्ट नोट) लिखिए-

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हैमिल तथा लेघ के शब्दों में “अधिगम निःशक्तता एक ऐसा मूल शब्द है जो बालकों के ऐसे समूह की ओर संकेत करता है जो कि सामान्य रूप से श्रवण, वाचन, लेखन एवं गणित आदि योग्यताओं में सार्थक रूप से कठिनाई का अनुभव करता है ।” विभिन्न अधिगम निःशक्तताएं इस प्रकार हैं-

(1) पठन अयोग्यता, (2) लेखन अयोग्यता, (3) गणित अयोग्यता, (4) अवधान अयोग्यता, तथा (5) वाचाघात । पठन अयोग्यता में बालक सही वर्गों का उच्चारण न कर उलट-पलट कर वाचन करते या लिखते हैं जैसे d व b का भ्रम होना । लेखन अयोग्यता अधूरे शब्द लिखना जैसे निर्मोही का निर्मोह लिखना कमल को कलम लड़की को लकड़ी लिखना आदि । गणितीय अयोग्यता में बालक x तथा + (गुणा व धन के चिन्ह) में 6 व 9 में अंतर नहीं कर पाता। अवध्यान में अधिगम निःशक्त बालक देकर तक ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाता। वाचाघात में बालक अटक कर बोलता है-धारावाहिक नहीं बोल पाता । इन सब निःशक्तताओं के समाधान के लिए व्यावहारिक निर्देशन विधि तथा संज्ञानात्मक व्यवहार परिमार्जन विधि (संवेगशीलता कम करना, लक्ष्योन्मुख व्यवहार पर बल, गणितीय क्रियाएं, अध्ययन शैली) तथा कम्प्यटर निर्देशित विधि का प्रयोग किया जाता है। प्रारंभिक शिक्षा स्तर पर इन अधिगम निःशकतताओं का उपचार लाभप्रद है।

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