विशिष्ट आवश्यकता वाले बालकों की शिक्षा व्यवस्था में व्यक्तिगत शिक्षण कार्यक्रम की व्याख्या करें।

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सभी बालकों में व्यक्तिगत विभिन्नताएं पायी जाती हैं एक सामान्य कक्षा का शिक्षण मुख्यतः औसत बुद्धि एवं योग्यता वाले छात्रों को ध्यान में रखते हुए नियमित एवं व्यवस्थित किया जाता है । इन कक्षाओं में शिक्षक का ध्यान आकर्षित करने वाले बालक या तो शारीरिक रूप से अक्षम होते हैं अथवा शैक्षिक रूप से पिछडे व मन्द बुद्धि जिनको कि शिक्षक अन्य सित एवं सामान्य छात्रों की उपलब्धि के स्तर तक लाने के प्रयास में अधिक समय व ध्यान देता है । प्रतिभाशाली बालक अपनी कक्षा के स्तर के सभी कार्यों को समय से पहले तथा बिना किसी की सहायता से हर कर लेने के कारण शिक्षक के ध्यान में रहते हैं । लेकिन यह स्वाभाविक है कि असाधारण योग्यताओं के धनी इन प्रतिभाशाली बालकों को जितना विशिष्ट निदशन मिलना चाहिये उतना नहीं मिल पाता है और इस प्रकार वांछनीय अवसरों के अभाव म उनका व्यक्तित्व कण्ठित हो जाता है इसलिए हाथों की व्यक्तिगत विभिन्नता का ध्यान रखा जाना शिक्षा के लिए आवश्यक होता है। इसके लिए विद्यार्थियों को व्यक्तिगत शिक्षण दिया जाना भा जरूरा हो जाता है। कुछ व्यक्तिगत शिक्षण रणनीतियाँ निम्न हैं–

(1) वैयक्तिक शिक्षण रणनीतियाँ– इशारा करना मन्दबद्धि बालकों को वैयक्तिक शिक्षण देने की एक प्रक्रिया है जो बच्चों को व्यवहार सीखने में मदद करना है । यह चार प्रकार से किया जा सकता है

(A) शारीरिक इशारा– कक्षा में या समाज में कुछ ऐसे बालक होते हैं जिन्हें कोई कार्य करने के लिये शारीरिक इशारे की आवश्यकता पड़ती है वे बगैर इशारा पाए अपना दैनिक कार्यकलाप करने में असमर्थ होते हैं।

(B) शाब्दिक इशारा– यह मन्दबुद्धि बच्चों को किसी काम को करने के लिए दिये जाने वाला शाब्दिक अनुदेश है। इसके तहत पीडित बच्चे क्रमबद्ध रूप से अपने शिक्षक से मिले शाब्दिक अनुदेश का पालन करते हुए पूछे गये सवालों का जवाब देता है।

(C) मॉडलिंग– मॉडलिंग प्रक्रिया के अन्तर्गत दिये जाने वाले अनुदेश को मन्दबुद्धि बालकों के समक्ष प्रदर्शित किया जाता है और उन्हें उसकी पुनरावृत्ति करने को कहा जाता है ।

(D) मौखिक संकेत– शिक्षक द्वारा दिये जाने वाले आंशिक इशारे से बच्चा यदि सही जवाब देता है उसे मौखिक संकेत कहते हैं। उदाहरण मन्दबुद्धि बालकों को बोलने और अभिनय करने के लिये मौखिक संकेत के जरिये संकेत दे सकते हैं।

(2) फेडिंग– इशारों के त्वरित तरीके हटा लेने के बाद वांछित व्यवहार स्वयं विलीन हो जाता है। इशारों के क्रमबद्ध हटाव को फेडिंग कहा जाता है।

(3) रूप या आकार देना– वांछित लक्ष्य प्राप्त करने के लिए मन्दबुद्धि बालकों के लिये धीरे–धीरे उचित शक्ल या आकार देना जरूरी होता है इसलिए व्यक्तिगत शिक्षण के तहत बालकों के व्यवहार को एक कंक्रीट रूप दिया जाता है । इस क्रम में एक शिक्षक बच्चों के वर्तमान व्यवहार को पुनर्बलन देता है।

(4) श्रृंखलाबद्धता– जब बालक किसी जटिल कार्य करने को करने में असफल होता चला जाता है। ऐसी परिस्थिति में पूरे कार्य को छोटे–छोटे कई आसान चरणों में बाँट दिया जाता है और बालक को श्रृंखलाबद्ध व्यवहारों को करने का प्रशिक्षण दिया जाता है । इस पूरी प्रक्रिया को श्रृंखलाबद्धता कहा जाता है। यह दो प्रकार से किया जा सकता हैन (i) अग्र श्रृंखलाबद्धता, (ii) पश्च श्रृंखलाबद्धता

(i) अग्र श्रृंखलाबद्धता– शिक्षण के दौरान प्रथम चरण, द्वितीय चरण से अंतिम चरण की ओर अग्रसर होने की प्रक्रिया को अग्र श्रृंखलाबद्धता कहा जाता है उदा–1, 2, 3, 4, ….,10 आदि।

(ii) पश्च श्रृंखलाबद्धता– शिक्षण के क्रम में अंतिम चरण से प्रथम चरण की ओर अग्रसर होने की प्रक्रिया को पश्च श्रृंखलाबद्धता कहा जाता है । उदा– 10, 9, 8, 7, …., 2, 1 आदि ।

(5) कौशल एवं प्रशिक्षण– हर बालक दूसरे बालक से कहीं न कहीं अलग होता है बालकों में अलग–अलग क्षमताएं व कौशल होते हैं। बालक के किसी खास कौशल प्रदर्शन क्षमता को प्रदर्शन कहा जाता है इस स्थिति में किसी कार्य को करने के लिए किसी न किसी पुनर्बलक की आवश्यकता होती है उदा.जब–जब शिक्षक अच्छे कार्य के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करते हैं तो बालक की बालक की अधिगम क्षमता बढ़ती है लेकिन अधिगम को बनाए रखना जरूरी होता है तत्पश्चात् उसका सामान्यीकरण भी जरूरी होता है।

व्यक्तिगत शिक्षण कार्यक्रम के लाभ

(1) पाठ्यक्रम में ध्यान की कमी को दूर करना।

(2) माता–पिता को बालक के अधिगम हेतु अवसर प्रदान करना।

(3) बालक के अधिगम से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करना।

(4) व्यक्तिगत शिक्षण कार्यक्रम पाठ्यक्रम के विभिन्न पहलुओं को किस प्रकार छात्र तक पहुँचाया जाएगा इसकी जानकारी देता है।

(5) छात्र की आवश्यकता के अनुसार नवीनतम स्रोत व अन्य सपोर्ट सर्विसेज प्रदान करता है।

(6) छात्र के आकलन हेतु एक आधार प्रदान करता है।

(7) व्यक्तिगत विकास हेतु जवाबदेहिता होती है।

व्यक्तिगत शिक्षण कार्यक्रम के नुकसान

(1) व्यक्तिगत शिक्षण कार्यक्रम सामान्य पाठ्यक्रम से अलग होने के कारण छात्र को नियमित कक्षा से दूर करता है।

(2) शिक्षक हेतु अतिरिक्त कार्यभार प्रेषित करता है।

(3) सभी शिक्षकों द्वारा उपयोग में लाया जाना मुश्किल होता है।

(4) व्यक्तिगत शिक्षण कार्यक्रम यह दर्शाता है कि विशेष आवश्यकता वाले बालक अन्य बालकों से अलग हैं।

(5) शिक्षण के बजाय प्रशिक्षण पर बल देता है।

व्यक्तिगत शैक्षिक योजना हेतु प्रवाह चार्ट

विशेष आवश्यकता वाले बालक संवेगात्मक सामाजिक, मानसिक रूप से सामान्य बालकों की तुलना में कुसमायोजित होते हैं अतः इनकी ओर व्यक्तिगत ध्यान देने की आवश्यकता होती है अपनी इन कमियों के कारण वे सामान्य बालकों की तरह सामूहिक शिक्षण समझ नहीं पाते हैं उनमें हीन ग्रन्थियों का विकास हो जाता है इसी कारण बालक के पास जाने से भी झिझकते हैं साथ ही बालक आपस में मेल–जोल में पीछे भी रहते हैं अतः इन परिस्थितियों में इनको विशेष व्यक्तिगत ध्यान देने की आवश्यकता बनी रहती है।

दृष्टिबाधित छात्रों हेतु व्यक्तिगत शैक्षिक योजना – एक निश्चित समयावधि में दष्टि अक्षम बालकों सहित विशेष आवश्यकता वाले सभी बच्चों के लिए आवश्यक शैक्षिक जरूरतों. सेवाओं व अपेक्षित उपलब्धियों से संबंधित योजना है। इस योजना के तहत पीड़ित बच्चों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए उनसे सूचनाएं एकत्रित एवं सूचीबद्ध की जाती हैं। इसके लिए सबसे पहले दृष्टि अक्षमता ग्रस्त बच्चों का आकलन किया जाता है तत्पश्चात उनके मानसिक एवं शैक्षिक विकास हेतु कार्यक्रम बनाये जाते हैं इन सभी का लिखित रिकॉर्ड रखा जाता है ताकि इसके आधार पर पिछली उपलब्धि तथा वर्तमान क्रियात्मक एवं शैक्षिक स्तर की तुलना करके बच्चे की प्राथमिक आवश्यकताएं तय की जाती हैं । अतः हम कह सकते हैं कि दृष्टि बाधित बच्चे वैसे होते हैं जिनको प्रकाश तथा अन्धकार का अनुभव नहीं होता तथा वह पूर्ण रूप से कुछ भी देखने योग्य नहीं होते हैं | कॉर्निया दुर्घटना, मानसिक आघात आदि के कारण बच्चे सहित हर उम्र के व्यक्ति दृष्टि अक्षमता से प्रभावित होते हैं। विटामिन ‘ए’ व हरी सब्जियों के सेवन से इसे दूर किया जा सकता है इसके लिए आंखों की देखरेख और सुरक्षा के प्रति जागरुकता पैदा किया जाना भी जरूरी है व्यक्तिगत शैक्षिक योजना के द्वारा इन बालकों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।

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