विशेष बालकों हेतु वैयक्तिक शैक्षणिक कार्यक्रम (I.E.P) तथा उदीयमान तकनीकी के संप्रत्यय को बताइए।

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व्यक्तिगत शैक्षणिक कार्यक्रम का प्रारंभ विशेष बालकों हेतु किया गया है । इस कार्यक्रम के अनुसार सभी प्रकार के/या श्रेणियों के निःशक्त बालकों को व्यक्तिगत शिक्षा देने पर विचार किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य बिन्दु निम्नानुसार हैं-

(1) प्रत्येक विशेष बालक को उनकी योग्यतानुसार शिक्षा प्रदान करना।

(2) विशेष बालकों को व्यक्तिगत रूप से शिक्षा देना।

(3) वह बालक जो कम रूप से विशिष्टता लिए हुए हैं उन्हें उनकी योग्यतानुसार व्यवसायीकरण की ओर अग्रसर करना।

विशेष बालकों की व्यक्तिगत शिक्षा से हम बालकों की श्रेणीकरण के आधार पर शिक्षण देने की अपेक्षा प्रत्येक बालक की अलग-अलग आवश्यकता का निर्धारण कर तदनुसार शिक्षित करते हैं। इसमें विभिन्न उदीयमान शैक्षिक तकनीकी का प्रयोग भी होता है।

उदीयमान तकनीकी में शिक्षण देने से तात्पर्य आधुनिक डिजिटल तथा इलेक्ट्रॉनिक आदि उपकरणों का उपयोग करते हुए विशेष बालक को व्यक्तिगत शिक्षण देना है । ये उपकरण हैं-कम्प्यूटर, वीडियोटेप फिल्म, दूरदर्शन, डिजिटल क्लास, टेपरिकॉर्डर, ओवरहेड प्रोजेक्टर तथा ध्वनि प्रवर्धक यंत्र आदि।

शिक्षण से भिन्न विशेष बालकों की जाँच में प्रयुक्त उभरती हुई तकनीकें हैं-ऑडियोमीटर (श्रवण बाधित बालक हेतु) व्यक्तिगत हियरिंग एड,ब्रेल लिपि (अंधे बालकों हेत) अभिक्रमित अनुदेशन, अभिक्रमित अधिगम,मॉडल व त्रिआयामी सामग्री, बुद्धि परीक्षण, व्यक्तित्व परीक्षण, अभियोग्यता परीक्षण, निष्पत्ति परीक्षण, रुचि परीक्षण इत्यादि।

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