विशेष शिक्षा में शिक्षक प्रशिक्षण पर संक्षिप्त टिप्पणी (शॉर्ट नोट) लिखिए-

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विशिष्ट बालकों को विशेष शिक्षा की आवश्यकता होती है क्योकि सर्वप्रथम उनको विशेष आवश्यकताओं की पहचान कर उसके अनुरूप शिक्षण रणनीतियो का उपयोग शिक्षक को करना पड़ता है। अत: शिक्षक के लिए विशेष शिक्षा में प्रशिक्षण आवश्यक होता है ताकि वह समावेशी शिक्षा तथा विशेष शिक्षा की अधुनातन प्रवृत्तियों को समझ कर नवीनतम शिक्षण प्रविधियों का भनुभव प्राप्त कर विशिष्ट बालकों को गुणवत्तापूर्ण तथा व्यवस्थित शिक्षा प्रदान कर सके । सामान्य विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए भी विशेष शिक्षा में प्रशिक्षण प्राप्त करना आवश्यक है ताकि वे सामान्य विद्यालयों में अध्ययनरत कम शारीरिक मानसिक क्षति वाले बालकों को अनुकूल शिक्षण दे सके।

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के क्षेत्रीय शिक्षा संस्थानों में विशेष शिक्षा का प्रशिक्षण की व्यवस्था है । इन क्षेत्रीय शिक्षा संस्थानों में बी.एड. तथा एम.एड. पाठ्यक्रमों में भी विशेष शिक्षा का प्रश्नपत्र सम्मिलित किया गया है। इन शिक्षण महाविद्यालयों में पृथक से विशेष शिक्षा के विभाग भी स्थापित हैं । सेवारत शिक्षकों के लिए राज्य तथा जिला स्तर पर विशेष शिक्षा के प्रशिक्षण का प्रबंध है। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) के विशेष शिक्षा हेतु शिक्षण प्रशिक्षण का प्रारूप भी विकसित किया है।

विशेष शिक्षा के शिक्षक प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों को विशेष शिक्षा की आवश्यकताओं ज्ञान, विशेष बालकों की शैक्षिक आवश्यकताओं का ज्ञान, विशेष बालकों हेतु सीखने-सिखाने की व्यवस्था, विशेष शिक्षा के पाठ्यक्रम के सिद्धान्तों का ज्ञान, शिक्षकों हेतु विशेष निरीक्षण कौशल,शाला में उपलब्ध सेवाओं के विशेष बालकों के हित में सदुपयोग आदि विशेष शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रम में शिक्षण विधि, शिक्षण तकनीक,मूल्यांकन तकनीक, विशेष बालकों की समस्याओं का निराकरण, शाला प्रबंधन कक्षा प्रबंधन, विशेष बालकों को प्रोत्साहन व प्रेरणा देना आदि के सैद्धान्तिक व्यावहारिक कार्यरूप सम्मिलित हैं।

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