राजस्थान में मानव संसाधन

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1. जनसंख्या :-

 कुल जनसंख्या :- 6,85,48,437

 पुरुष जनसंख्या :- 3,55,50,997

 महिला जनसंख्या :- 3,29,97,440

 ग्रामीण जनसंख्या :- 5.15 करोड़ (75.1%)

 शहरी जनसंख्या :- 1.70 करोड़ (24.9%)

(A) सर्वाधिक जनसंख्या वाले 4 जिले

 1. जयपुर (66.26 लाख)

 2. जोधपुर (36.87 लाख)

 3. अलवर (36.74 लाख)

 4. नागौर (33.07 लाख)

 5. उदयपुर (30.68 लाख)

(B) न्यूनतम जनसंख्या वाले 4 जिले

 1. जैसलमेर (6.69 लाख)

 2. प्रतापगढ़ (8.67 लाख)

 3. सिरोही (10.36 लाख)

 4. बूँदी (11.10 लाख)

 5. राजसमन्द (11.56 लाख)

2. जनसंख्या वृद्धि :-

 प्रति दशक (2001-2011) की जनसंख्या में होने वाला बदलाव ही जनसंख्या परिवर्तन कहा जाता है। भारत में प्रति दशक जनसंख्या में वृद्धि हो रही है। भारत के विशालतम राज्य राजस्थान में 2001 ई. में जनसंख्या 5,65,07,188 थी जो 2011 से बढ़कर 6,85,48,437 हो गई अर्थात् 2001 से 2011 के मध्य 1 करोड़ 20 लाख 41 हजार 249 आबादी बढ़ गई। 2001 से 2011 के मध्य 21.30 प्रतिशत जनसंख्या वृद्धि दर अंकित की गई। वर्ष 1971-81 के दशक में 32.97 प्रतिशत के साथ सर्वाधिक जनसंख्या वृद्धि दर अंकित की गई। वर्ष 1981-91 के दशक में 28.44 प्रतिशत तथा 1991-2001 के दशक में 28.41 प्रतिशत वृद्धि दर रही। 2001 के मुकाबले 2011 में इसमें 7.11 प्रतिशत की कमी आई। वर्ष 1911 से 1921 के दशक के मध्य राजस्थान में जनसंख्या में वृद्धि के बजाय कमी (हृास) हुई।

 वर्ष 1911 से 1921 के मध्य जनसंख्या हृास दर – 6.29 प्रतिशत रही थी। इस हृास दर का प्रमुख कारण “छप्पनियाँ अकाल’ था। इसमें लाखों लोगों की अकाल मृत्यु हो गई। उन परिस्थितियों में पानी का अभाव, साधनों का न होना एवं स्वास्थ्स सेवाओं की अत्यन्त कमी के कारण इस दशक में वृद्धि की बजाय कमी हुई।

वर्ष 2011 के दशक में जनसंख्या वृद्धि दर :- 21.30%

A) सर्वाधिक जनसंख्या वृद्धि दर वाले जिले

 1. बाड़मेर (32.5 प्रतिशत)

 2. जैसलमेर (31.8 प्रतिशत)

 3. जोधपुर (27.7 प्रतिशत)

 4. बाँसवाड़ा (26.5 प्रतिशत)

 5. जयपुर (26.2 प्रतिशत)

(B) न्यूनतम जनसंख्या वृद्धि दर वाले जिले

 1. गंगानगर (10 प्रतिशत)

 2. झुंझुनूं (11.7 प्रतिशत)

 3. पाली (11.9 प्रतिशत)

 4. बूँदी (15.4 प्रतिशत)

 5. चित्तौड़गढ़ (16.1 प्रतिशत)

3. जनसंख्या वितरण एवं घनत्व :-

 राजस्थान में जनसंख्या का वितरण अत्यधिक असमान है। इस असमान वितरण का कारण राज्य की भौगोलिक दशाएँ (उच्चावच, जलवायु, जल उपलब्धता, मृदा उत्पादकता) एवं आर्थिक विकास (कृषि, उद्योग, पशुपालन, सिंचाई, खनिज खनन) के स्तर में भिन्नता है। राज्य में 10 लाख से कम आबादी वाले केवल दो ही जिले हैं – जैसलमेर व प्रतापगढ़। दूसरी ओर 20 लाख से 30 लाख तक आबादी वाले 9 जिले तथा 30 लाख से अधिक आबादी वाले जिलों की संख्या 05 हैं। शेष 17 जिलों की आबादी 10 से 20 लाख के मध्य हैं।

 किसी क्षेत्र विशेष में प्रति वर्ग किलोमीटर में व्यक्तियों की संख्या को जनसंख्या घनत्व के नाम से जाना जाता है। राजस्थान का घनत्व देश के घनत्व से काफी नीचे है। वर्ष 1901 में राजस्थान में जनसंख्या घनत्व 30 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. था जो 2001 में 165 एवं 2011 में 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. हो गया। ध्यातव्य है कि 1901 में भारत का घनत्व 77 प्रति वर्ग किमी. था जो 2011 में बढ़कर 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. हो गया। 1951 में राजस्थान का जनसंख्या घनत्व 47 व्यक्ति km2 था।

(A) राजस्थान के सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाले जिले

 1. जयपुर (595)

 2. भरतपुर (503)

 3. दौसा (476)

 4. अलवर (438)

 5. धौलपुर (398)

(B) राजस्थान के न्यूनतम जनसंख्या घनत्व वाले जिले

 1. जैसलमेर (17)

 2. बीकानेर (78)

 3. बाड़मेर (92)

 4. चूरू (147)

 5. जोधपुर (161)

 ध्यातव्य है कि राजस्थान के पश्चिमी जिलों में घनत्व कम एवं पूर्वी जिलों में घनत्व अधिकता / सघनता है। राजस्थान में जनसंख्या वितरण एवं घनत्व को प्रभावित करने वाले तत्व निम्नांकित हैं :-

 (क) जलवायु व वर्षा की मात्रा

 (ख) उच्चावच व भौतिक प्रदेश

 (ग) जल की उपलब्धता

 (घ) कृषि विस्तार व सिंचाई सुविधा

 (ड) खनिज खनन व औद्योगिक विकास

– 100 से कम घनत्व वाले जिले :- 03

– 101 से 200 तक घनत्व वाले जिले :- 12

– 201 से 300 तक घनत्व वाले जिले :- 7

– 301 से 400 तक घनत्व वाले जिले :- 7

– 401 से 500 तक घनत्व वाले जिले :- 2 (अलवर व दौसा)

– 500 से अधिक घनत्व वाले जिले :- 2 (जयपुर व भरतपुर)

4. लिंगानुपात :- प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान में कुल 3,55,50,997 पुरुष एवं 3,29,97,440 महिलाएँ हैं अर्थात प्रति हजार पुरुष पर 928 महिलाएँ हैं। वर्ष 2001 में राजस्थान का लिंगानुपात 921 था। राजस्थान का लिंगानुपात भारत के लिंगानुपात की तुलना में काफी कम है। ज्ञातव्य है कि 2011 में भारत का लिंगानुपात 940 हैं जो 2001 में 933 था। वर्ष 1901 में राजस्थान का लिंगानुपात 905 था जबकि भारत का लिंगानुपात 1901 में 972 था। 1951 में राजस्थान का लिंगानुपात 921 था।

(A) सर्वाधिक लिंगानुपात वाले 5 जिले

 1. डूंगरपुर (994)

 2. राजसमन्द (990)

 3. पाली (987)

 4. प्रतापगढ़ (983)

 5. बाँसवाड़ा (980)

(B) न्यूनतम लिंगानुपात वाले 5 जिले

 1. धौलपुर (846)

 2. जैसलमेर (852)

 3. करौली (861)

 4. भरतपुर (880)

 5. गंगानगर (887)

 कम लिंगानुपात के कारण :-

 1. लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या

 2. असाक्षरता

 3. पितृ सत्तात्मक समाज

 4. लड़कों की चाहत में लड़कियों की जन्म पूर्व ही हत्या / समाप्त कर देना।

5. साक्षरता :- जनगणना के तहत 7 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्तियों में पढ़-लिख सकने योग्य व्यक्ति साक्षर कहलाते हैं।

साक्षरता दर20012011भारत की साक्षरता दर 2011
राजस्थान की साक्षरता दर60.41%66.1%74.04%
पुरुष साक्षरता दर75.70%79.20%अन्तर 3.95%82.14%
महिला साक्षरता दर43.85%52.1%अन्तर 13.35%65.46%

सर्वाधिक साक्षरता वाले जिले :-

कुलपुरुषमहिला
कोटा (76.6%)झुंझुनूं (86.9%)कोटा (65.9%)
जयपुर (75.5%)कोटा (86.3%)जयपुर (64%)
झुंझुनूं (74.1%)जयपुर (86.1%)झुंझुनूं (61%)
सीकर (71.9%)सीकर (85.1%)गंगानगर (59.7%)
अलवर (71.7%)भरतपुर (84.1%)सीकर (58.2%)

न्यूनतम साक्षरता वाले जिले :-

कुलपुरुषमहिला
जालोर (54.9%)प्रतापगढ़ (69.5%)जालोर (38.5%)
सिरोही (55.3%)बाँसवाड़ा (69.5%)सिरोही (39.7%)
प्रतापगढ़ (56%)सिरोही (70%)जैसलमेर (39.7%)
बाँसवाड़ा (56.3%)जालोर (70.7%)बाड़मेर (40.6%)
बाड़मेर (56.5%)बाड़मेर (70.9%)प्रतापगढ़ (42.4%)

–  वर्ष 2001 से 2011 के दौरान साक्षरता दर में सर्वाधिक वृद्धि :-

 1. डूंगरपुर (10.9%)

 2. बाँसवाड़ा (10.8%)

 3. भीलवाड़ा (10.7%)

– राज्य के दो ऐसे जिले जिनमें इस दशक (2001-2011) में साक्षरता दर में गिरावट आई है :-

 1. बाड़मेर (2.5% की कमी)

 2. चूरू (0.8% की कमी)

– ग्रामीण साक्षरता दर :- 61.4%

 (सर्वाधिक साक्षरता :- झुंझुनूं (73.4%))

 (न्यूनतम साक्षरता :- सिरोही (49%))

– शहरी साक्षरता दर :- 79.7% (सर्वाधिक साक्षरता :- उदयपुर (87.5%))

0-6 आयु वर्ग में जनसंख्या व लिंगानुपात

– 0-6 आयु वर्ग के बच्चों की जनसंख्या :- 1,06,49,504 थी राज्य की कुल आबादी का 15.54% है।

0-6 आयु वर्ग का सर्वाधिक अनुपात0-6 आयु वर्ग न्यूनतम अनुपात
जैसलमेर (19.47%)श्रीगंगानगर (12.97%)
बाड़मेर (19.26%)कोटा (13.07%)
बाँसवाड़ा (18.10%)हनुमानगढ़ (13.20%)

– 0-6 आयु वर्ग का लिंगानुपात :- 888 (2001 में 909)

– राज्य में तीन जिले ही ऐसे हैं जहाँ 0-6 आयु वर्ग में लिंगानुपात में इस दशक में बढ़ोतरी हुई है :-

 1. श्रीगंगानगर, 2. हनुमानगढ़, 3. जैसलमेर।

– सर्वाधिक गिरावट लिंगानुपात (0-6 वर्ग) :- दौसा में (2001 में 906 तथा 2011 में 865 = कमी 41)

– 0-6 आयु वर्ग में सर्वाधिक लिंगानुपात वाले जिले :-

 1. बाँसवाड़ा (934)

 2. प्रतापगढ़ (933)

 3. भीलवाड़ा (928)

 4. उदयपुर (924)

– 0-6 आयु वर्ग में न्यूनतम लिंगानुपात वाले जिले :-

 1. झुंझुनूं (837)

 2. सीकर (848)

 3. करौली (852)

 4. श्रीगंगानगर (854)

– ग्रामीण क्षेत्रों में शिशु लिंगानुपात :- 892 (2001 में 914)

 सर्वाधिक :- बाँसवाड़ा (937)

 न्यूनतम :- झुंझुनूं (832)

– शहरी क्षेत्र में शिशु लिंगानुपात :- 874 (2001 में 887)

 सर्वाधिक :- नागौर (907)

 न्यूनतम :- धौलपुर (841)

6. ग्रामीण एवं शहरी जनसंख्या :-

 ग्रामीण जनसंख्या :- 5,15,00,352 (75.1%)

 शहरी जनसंख्या :- 1,70,48,085 (24.9%)

– सर्वाधिक ग्रामीण जनसंख्या :-

 संख्या में – जयपुर (31.54 लाख)

 प्रतिशत में – डूंगरपुर (93.6%)

– न्यूनतम ग्रामीण जनसंख्या :-

 संख्या – 5.80 लाख (जैसलमेर)

 अनुपात – कोटा (39.7%)

– सर्वाधिक शहरी जनसंख्या :-

 संख्या :- जयपुर (34.71 लाख)

 अनुपात : कोटा (60.30%)

– न्यूनतम शहरी जनसंख्या :-

 संख्या – प्रतापगढ़ (71,807)

 अनुपात – डूंगरपुर (6.7%)

– लिंगानुपात :- ग्रामीण – 933

 शहरी – 914

– साक्षरता :- ग्रामीण – 61.4%

 शहरी – 79.7%

7. अनुसूचित जाति (SC) व अनुसूचित जनजाति (ST) जनसंख्या:-

 SCST
जनसंख्या1,22,21,59392,38,534
कुल जनसंख्या का अनुपात17.83%13.48%
Highest जनसंख्या वाले जिलेजयपुर (10.03 लाख)उदयपुर (15.25 लाख)
गंगानगर (7.20 लाख)बॉसवाड़ा (13.73 लाख)
सर्वाधिक अनुपात वाले जिलेगंगानगर (36.6%)बाँसवाड़ा (76.4%)
हनुमानगढ़ (27.8%)डूंगरपुर (70.8%)
न्यूनतम जनसंख्या वाले जिलेप्रतापगढ़ (60,429)बीकानेर (7779)
नागौर (10,418)
न्यूनतम अनुपात वाले जिलेडूंगरपुर (3.8%)बीकानेर (0.3%)
बाँसवाड़ा (4.9%)नागौर (0.3%)
लिंगानुपात923948
सर्वाधिक लिंगानुपातराजसमन्द (982)डूंगरपुर (1000)
न्यूनतम लिंगानुपातधौलपुर (863)धौलपुर (842)

8. राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में राजस्थान की जनसंख्या :-

– भारत की जनसंख्या :- 1 अरब, 21 करोड़, 08 लाख, 54 हजार, 977

– राजस्थान में भारत की जनसंख्या का प्रतिशत :- 5.66%

– देश में जनसंख्या की दृष्टि से राजस्थान का स्थान :- 8वाँ

 (तेलंगाना गठन पश्चात 7वाँ)

– सर्वाधिक जनसंख्या वाले 4 राज्य :-

 1. उत्तर प्रदेश (19.98 करोड़) – 16.5%

 2. महाराष्ट्र (12.24 करोड़) – 9.28%

 3. बिहार (10.41 करोड़) – 8.60%

 4. पश्चिम बंगाल (9.13 करोड़) – 7.54%

– न्यूनतम जनसंख्या वाला राज्य :- सिक्किम (6,10,577)

– भारत की दशकीय वृद्धि दर :- 17.7% (राजस्थान की 21.30%)

– दशकीय वृद्धि दर की दृष्टि से स्थान :- 8वाँ (मणिपुर की संशोधित जनगणनानुसार 9वाँ)।

– देश में सर्वाधिक वृद्धि दर वाले जिले :- मेघालय (27.9%)

 अरुणाचल (26%)

– देश में न्यूनतम दशकीय वृद्धि दर :- नागालैण्ड (0.6%)

 केरल (4.9%)

– भारत का लिंगानुपात :- 940 (राजस्थान का 928)

– राजस्थान का स्थान :- 21वाँ (तेलंगाना गठन पश्चात 22वाँ)

– देश में सर्वाधिक लिंगानुपात :- केरल (1084), तमिलनाडु (996)

– देश में न्यूनतम लिंगानुपात :- हरियाणा (879), जम्मू-कश्मीर (889)

– भारत का जनघनत्व :- 382 (राजस्थान का स्थान 19वाँ)

– साक्षरता :- 74.04 (राजस्थान – 66.1%) (स्थान :- 27वाँ) (बिहार 61.8 व अरुणाचल 62 पीछे)

 पुरुष साक्षरता :- 82.14 (राजस्थान – 79.2%) (स्थान :- 20वाँ)

 महिला साक्षरता :- 65.6 (राजस्थान – 52.1%) (स्थान :- 28वाँ) बिहार पीछे

– देश में Highest आबादी वाला जिला :- थाणे (महाराष्ट्र)

– देश में न्यूनतम आबादी वाला जिला :- दिबांग घाटी।

जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम :-

(क)   परिवार कल्याण कार्यक्रम :- वर्ष 1951 में प्रारम्भ।

(ख)  जनमंगल कार्यक्रम :- वर्ष 1992 से अलवर एवं उदयपुर जिलों से प्रारम्भ। वर्ष 1997-98 से समस्त राज्य में लागू।

(ग)   महिलाओं का जीवन एवं स्वास्थ्य पर अधिकार परियोजना :- जून 2002 से यूनीसेफ की सहायता से बारां, झालावाड़ तथा धौलपुर जिलों में मातृ मृत्यु में 50% कमी लाने हेतु संचालित।

(घ)   एकीकृत जनसंख्या एवं विकास परियोजना (IPD) :- संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की सहायता से 1 जनवरी, 1999 से अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, करौली, चित्तौड़गढ़, उदयपुर में संचालित की गई।

(ड)   राजीव गाँधी जनसंख्या मिशन :- 5 जुलाई, 2001 को स्थापना।

(च)   विकल्प योजना :- 11 मार्च, 1995 से टोंक व दौसा में संचालित योजना। वर्तमान में सभी जिलों में लागू।

         उद्देश्य :- महिला स्वास्थ्य, गर्भ निरोधक उपाय, दम्पत्तियों की सुविधानुसार परिवार कल्याण कार्यक्रम का क्रियान्वयन करना।

(छ)   राजस्थान जनसंख्या परिषद :- मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित परिषद।

(ज)   राजलक्ष्मी योजना :- 35 वर्ष की आयु और दो बालिकाओं के पश्चात् नसबन्दी पर प्रोत्साहन हेतु प्रारम्भ योज

– राजश्री योजना :-

 प्रारम्भ :- 1 जून, 2016 को

 मुख्यमंत्री शुभलक्ष्मी योजना के स्थान पर प्रारम्भ।

 इसमें बालिका के जन्म से लेकर 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने तक अलग-अलग किश्तों में (6 किश्तों में) कुल 50 हजार रुपये की राशि दी जाती हैं।

– अक्षदा कार्यक्रम :- बारां व झालावाड़ जिलों में नवजात शिशु एवं सुरक्षित मातृत्व सेवाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु संचालित कार्यक्रम।

– सरस लाडो योजना :- 1 जनवरी, 2016 को प्रारम्भ।

– बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ अभियान :- 22 जनवरी, 2015 को पानीपत (हरियाणा) से प्रारम्भ।

– राज्य जनसंख्या नीति :- 2000

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